फर्रुखाबाद: प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की निर्मल भारत अभियान योजना को जनपद में किस तरह से खिलबाड़ बनाया गया यह किसी से छुपा नही है| जनपद की लगभग 512 ग्राम पंचायते सफाई से महरूम है| ग्राम पंचायत में नियुक्त किये गये सफाई कर्मी केबल कागजो में ही सफाई कर सरकार से मिले पैसे को साफ़ कर रहे है|मजे कि बात यह है कि जो अधिकारी प्रशासन के जिम्मेदार पद पर है जिन्हें जनपद कि गंदगी साफ करने कि जिम्मेदारी दी गयी गाँवो में सफाई ना कराकर या तो उनसे महीना बंदी कर लेते है या फिर जो रकम देने को तैयार नही होते वह अधिकारियो के बंगलो पर पोछा लगाने पर मजबूर है| गाँव गंदे के गंदे है|
निर्मल भारत अभियान योजना के तहत 23 अक्तूबर तक चलने स्वच्छता कार्यक्रम में गाँव गाँव लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक करने के लिए 1,01,21,500 रूपए धनराशि व्यय दी गयी उसे भी साफ करने कि योजना बन रही है| सांसद मुकेश राजपूत ने इस पर नारजगी जतायी है| सांसद से इस विषय पर जेएनआई ने खास बातचीत की, देखे क्या बोले सांसद?
1. ग्राम पंचायतो में सफाई कर्मी नही जाते जब कि सभी ग्राम पंचायतो में सफाई कर्मी नियुक्त है?
अधिकारियो को चाहिए कि वह गाँवो में सफाई कर्मियों को भेजना सुनिश्चित करे| इस बात कि पुष्टि ग्राम प्रधान के माध्यम से कराये कि सफाई कर्मी आया या नही| ना जाने की स्थित में सफाई कर्मी को दंडित किया जाये| यैसा करने से गाँवो में सफाई होगी| मुझे पता है मै जिला पंचायत अध्यक्ष रहा हूँ| गाँवो में जब भी गया यही शिकायत मिली कि सफाई नही हो रही| 95 प्रतिशत गाँवो में सफाई कर्मी नही जाते|
2. निर्मल भारत अभियान के लिए 1,01,21,500 रूपए धनराशि गाँवो को दी गयी वह कागजो में ही व्याय हो रही है?
मै इस बात से सहमत हूँ कि गाँवो कि सफाई के लिए आया पैसा कागजो में ही खर्च हो रहा है| उत्तर प्रदेश में केंद्र की कोई भी योजना हो उसे केबल कागजो पर ही चलाया जा रहा है| मोदी जी ने जो प्रयास किया है वह एक दिन जरुर सफल होगा| जनता अब जाग गयी है| अधिकारियो को चाहिए कि वह अपना कार्यालय ही साफ रखे| जिस रास्ते से निकलते है वह रास्ता साफ रखे| जिससे गंदगी से बचा जा सके|
3. अधिकारियो के बंगलो पर एक-एक दर्जन सफाई कर्मी अटैच है इस पर आप क्या कहेगे?
मै यह जानता हूँ कि जिला विकास अधिकारी व खंड विकास अधिकारी सहित अन्य कई अधिकारियो के बंगलो में ग्राम पंचायतो के सफाई के लिए तैनात किये गये सफाई कर्मी दर्जनों की संख्या में लगे है| जिनसे अधिकारी अपने बंगलो की सफाई का कार्य व् अन्य घरेलू कार्य कराते है| लेकिन गाँवो में सफाई कर्मी को नही भेजते| जिससे गाँव गंदे पड़े है| जो सफाई कर्मी अधिकारियो के बंगलो पर अटैच नही है वह अपने घर पर ही बैठ कर सरकारी पैसे का लुफ्त ले रहे है| इन पर आलाधिकारियो को ध्यान देना चाहिए| दोषियों पर कार्यवाही कि जाये|