फर्रुखाबाद: न्यायालय ने एक छात्रा के अपहरण के मामले में अभियुक्त को तीन साल की सजा सुनाई है| अभियुक्त ने तीन वर्ष पांच माह पूर्व 12वीं कक्षा की एक छात्रा अगवा कर लिया था| छात्रा के परिजनों ने अभियुक्त के खिलाफ बहला फुसलाकर अपहरण कर ले जाने और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था| लेकिन दुष्कर्म का आरोप सिद्ध नहीं हो पाने न्यायालय ने अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए इस मामले में बरी कर दिया|
थाना मेरापुर क्षेत्र के भटहा निवासी एक ग्रामीण ने अपनी 16 वर्षीय भतीजी को बहला फुसलाकर घर से ले जाने और बाद में उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में गाँव के ही कल्लन तिवारी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाया था| थाने में दी गई तहरीर में बताया गया था कि किशोरी 12वीं कक्षा की छात्रा है और वह घर से जाते समय 75 हजार की नगदी, 20 ग्राम की सोने की जंजीर और 300 ग्राम चांदी के जेवर लेकर ले गई है| घटना के कुछ समय बाद दोनों संकिसा के पास मिल गए| लेकिन डॉक्टरी जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई| साथ ही आयु परिक्षण में छात्रा को वयस्क पाया गया| पुलिस ने विवेचना करने के बाद अभियुक्त के खिलाफ धारा 363, 366 में नयायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किए| जनपद न्यायाधीश राजन चौधरी ने सुनवाई के बाद अभियुक्त को अपहरण के मामले में दोषी करार देते हुए धारा 363 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई| जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा| जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रणवीर सिंह यादव ने बताया कि धारा 366 और 376 में आरोप सिद्ध नहीं होने पर न्यायालय ने अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है| जुर्माने की धन राशी प्राप्त हो जाने पर आधी धनराशि पीडिता को दी जाएगी|