फर्रुखाबाद: प्रेम जब हद पार कर जाये और प्रेमी साथ जीने मरने के ख्याब देखने लगे| तो फिर उस प्रेम की गाड़ी में ब्रेक लगाना मुश्किल हो जाता है| जिसमे बाद अगर प्रेमिका यदि धोका दे दे तो फिर प्रेमी इसे बर्दास्त नही कर पता और उसे सिर्फ एक ही रास्ता नजर आता है मौत| ऐसी ही एक दर्दनाक प्रेम कहानी प्रकाश में आयी जब चार पन्नो के एक खूनी प्रेम पत्र के साथ प्रेमी की लाश के चालीस टुकड़े पड़े मिले|
प्रेमी की लाश के पास से बरामद हुए प्रेम पत्र में उसने जो लिखा वह किसी फ़िल्मी प्रेम कहानी से कम ना था| मरने से पहले उसने लिखा मेरा नाम संदीप सिंह पुत्र विश्वनाथ सिंह है| मेरा गांव फरीदपुर जहानगंज है| जंहा मेरी दादी रहती है| हम एक लड़की को बहुत प्यार करते है| वी माधवपुर में रहती है| उसका परिवर्तित नाम …है| उसके घर वालो को पता लग जाने से उसकी उसकी गोद भर के शादी भी तय हो गयी| जो उसको मंजूर नही था| वह मेरे साथ शादी करना चाहती थी| इस लिए मेरी मौत की जिम्मेदार यह लडकी है| यह हमसे रोज बाते करती थी| उसके पास मेरा एक फोटो मोवाइल सिम भी है| वह लड़की हमसे कभी कभी अपने घर वालो के मोबाइल से भी बात करती थी| वह हमे बहुत चाहती है\ मगर उसके बड़े भाई को पता चल गया था तो उसकी शादी तय हो गयी| क्यों की उसे जलन पैदा हो गयी थी|
उसका बड़ा भाई उसके साथ शरारत करता था कई बार उसने गलत काम किये| फिर वह हमे बताती थी| यह लड़की दो बार मेरे बच्चे की माँ भी बन चुकी थी पर उसने दोनों बच्चे गिरा दिये| पहला बच्चा दवा कहा कर गिरा दिया था जो डेढ़ महीने का था, दूसरा बच्चा तीन महीने का था जिसके बाद उसकी गोद भरी गयी| फिर हम उससे तीन बार मिले और गलत सम्बन्ध भी हुए| वह मेरी मौत की जिम्मेदार है| उसके चार भाई है| इस लिए इसे मार दिया जाये| थाने में इसे सजा मिले अख़बार में निकले टीवी चैनल में दिखायो| और हम यही गुजारिश करेगे की मेरी लाश पर उसे बुलाकर दिखा देंना| इतनी तमन्ना है क्यों की उसने मेरे साथ धोका किया और जब हम मरने जा रहे थे तो उसी से बात हो रही थी| हम मर गये लेकिन इसे भी सजा देना क्यों की यह रंडी है इसके पास मेरी फोटो व मोबाइल उसके शुटकेश में है|
उसकी मेरी रोज बात होती है बस यही धमकी देती है की तुम मर जाओ फिर भी तुम मेरा कुछ नही कर सकते| वह भट बंहकी बाते करने लगी फिर हमे यह करना पड़ा| मेरी तो शादी होती नही इस लिए हम मर गये| बस यह पर्चा मेरे घर तक जरुर पंहुचा देना भगवान भला करेगा|सौरी …….
माफ़ कर देना|
आई लव यू
……….संदीप
शिक्षक का पुत्र था प्रेमी संदीप
संदीप का परिवार गांव में ना रहकर छिबरामऊ में ही रहता था| उसके पिता विश्वनाथ छिबरामऊ सुभाष एकादमी में शिक्षक के पद पर तैनात है| संदीप की लाश याकुतगंज के निकट रेलवे ट्रेक पर तकरीवन चालीस टुकडो में मिली| पुलिस के अनुसार वह कमालगंज की तरफ से एक टैक्सी में बैठ कर आया तभी पीछे से एक बजकर तीस मिनट पर कानपुर कासगंज ट्रेन आ गयी वहटैक्सी से उतर कर ट्रेन के सामने कूद गया\ जिससे उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गये|
किसी स्थानीय व्यक्ति ने शिनाख्त कर मृतक के गांव सूचना दी| मौके पर पंहुची पुलिस ने शव का पंचनामा भर के पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया|