जानलेवा हमले के बाद हुई मौत के मामले में एक अभियुक्त को उम्रकैद

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फर्रुखाबाद: गोली लगने से हुई एक युवक की मौत के मामले में न्यायालय ने एक अभियुक्त को उम्रकैद की सजा सुनाई है| अभियुक्त पर 35 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है| 23 साल पहले मुकदमेबाजी की रंजिश में अभियुक्त की और से की गई गोलीबारी में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे| घायल हुए एक युवक की घटना के दो दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी|

थाना नवाबगंज के गांव बमरुलिया में 17 अप्रैल 1991 को मुकदमे बाजी की रंजिश में गोलीबारी की घटना हुई थी| जिसमे बमरुलिया निवासी ब्रजनंदनलाल और उनका भतीजा आनंद गंभीर रूप से घायल हो गये थे| घायल ब्रजनंदनलाल के भाई रामनरेश चतुर्वेदी ने घटना के सम्बन्ध में गांव के ही रामप्रकाश दीक्षित और उनके पुत्रों अनिल कुमार व चंद्रेश के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था| घटना के दो दिन बाद यानी 19 अप्रैल को आनंद की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई| जिसपर पुलिस ने मुक़दमे को हत्या के मामले में तरमीम कर दिया| पुलिस ने विवेचना करने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ नयायालय में आरोप पत्र दाखिल किए| मामले पर सुनवाई के बाद अपर जिला जज प्रथम एसवी सिंह ने मामले के एक आरोपी चंद्रेश को हत्या के मामले में उम्रकैद और 25 हजार रूपये जुर्माना, जानलेवा हमले के मामले में 10 वर्ष के शश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई| जुर्माना अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है| मामले के एक आरोपी और अभियुक्त चंद्रेश के पिता रामप्रकाश दीक्षित की विगत 9 सितम्बर को मृत्यु हो चुकी है| अपर शासकीय अधिवक्ता ईश्वरीय कुमारी शाक्य ने बताया पिता की मृत्यु हो जाने के चलते मामले के एक आरोपी अनिल कुमार की सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी| आरोपी के वकील के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने अभियुक्त को उनकी तेरहवीं तक हाजिरी माफ़ी दे दी है| आरोपी को 22 सितम्बर को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है| जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी|