कस्तूरबा छात्राओं नहीं दिया जा रहा मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण, ग्रांट का भी हिसाब नहीं

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martial artफर्रुखाबाद: कस्तूरबा विद्यालयों में पढने वाली छात्राओं के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है| स्कूलों में दैनिक भुगतान के आधार पर प्रशिक्षक नियुक्त करने के लिए प्रतिवर्ष शासन से बजट भी आवंटित किया जाता है| लेकिन बीते एक साल से किसी भी स्कूल में मार्शल आर्ट प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है| इस साल भी प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी, इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है|

kgbvसर्व शिक्षा अभियान की बालिका शिक्षा योजना के अंतर्गत परदेश के ऐसे सभी ब्लॉकों में कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना की गई है, जो शैक्षिक दृष्टी से पिछड़े हुए हैं| जनपद में ऐसे पांच कस्तूरबा विद्यालय संचालित हो रहे हैं| शासन ने इन विद्यालयों में पढाई व अन्य खेल-कूद के साथ ही मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण को भी अनिवार्य किया है| इसके लिए वाकायदा अलग से फंड की व्यवस्था की जाती है| मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण के लिए दैनिक भुगतान के आधार पर अलग से विद्यालय वार ट्रेनर रखे जाने का प्रावधान है| लेकिन विगत वर्ष से कस्तूरबा विद्यालयों में मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण नहीं हो रहा है| जबकि इससे पूर्व में प्रशिक्षकों की नियुक्ति होती रही है| अफसरों से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण शुरू नहीं किये जाने के सम्बन्ध में जब भी बात की गई तो उन्होंने शासन से बजट आवंटित नहीं किए जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड लिया| जबकि यह गौरतलब है कि मार्शल आर्ट का यह प्रशिक्षण पास पड़ोस के अन्य जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में संचालित किया गया और इस साल भी प्रशिक्षकों की नियुक्ति को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है| डीसी बालिका शिक्षा राजेश वर्मा से जब इस सम्बन्ध में जानकारी चाही तो उन्होंने हाल में ही चार्ज मिलने की बात कह कर अपना बचाव कर लिया| उन्होंने कहा कि उनको अभी जानकारी नहीं है कि शासन से इस साल मार्शल आर्ट प्रशिक्षण के लिए बजट आवंटित हुआ है अथवा नहीं| यदि बजट आवंटित किया गया होगा तो शीघ्र ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी|