फर्रुखाबाद: मेजर एसडी सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पटिल के कान्फ्रेन्स हाल में सोमवार को शुरू हुई सात दिवसीय रोग निदान एवं विकृति विज्ञान सम्बन्धित सीएमई कान्फ्रेन्स के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष संस्थान के संस्थापक बाबू ंिसंह यादव दद्दू जी ने आयुर्वेदिक चिकित्सा को विश्व की सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धति बताया और कहा कि इस चिकित्सा पद्धति को शीघ्र सरकारी बनाने के लिए शोध करने की जरूरत है।
सीएमई में मौजूद सभी छात्र एवं विशेषज्ञ इस शोध को करने का बीडा उठा लें तो आयुर्वेद सभी चिकित्सा पद्धतियों को खुद से मीलों पीछे छोड़ देगा। उन्होने कहा कि आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति जनमानस में सर्वाधिक विश्वसनीय है क्योंकि यह स्थायी रूप से बीमारी को दूर करती है और इसकी कोई भी प्रतिक्रिया (साइड इफेक्ट) नहीं होता है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार से एक वेजीटेरियन व्यक्ति में नाॅन-वेजीटेरियन की अपेक्षा अधिक आत्मविश्वास पाया जाता है उसी तरीके से अन्य चिकित्सा पद्धतियों की तुलना मंे आयुर्वेद अधिक विश्वसनीय है। प्रचीन काल से इस चिकित्सा पद्धति ने सारे संसार में अपने झण्डे गाड़ रखे हैं। अगर एलोपैथिक की तरह दवा देने के बाद आयुर्वेदिक दवाओं का शीघ्रता से असर होने लगे तो आयुर्वेद से अच्छा इलाज कोई सम्भव ही नहीं हो सकता। वर्तमान में धैर्य रखकर आयुर्वेदिक इलाज कराने की जरूरत है। तभी औसत आयु मंे बढोत्तरी की जा सकती है। उन्होने कहा कि पद्धति को शीघ्र प्रभावी बनाने की खोज होनी चाहिए। उन्होने मेडिकल कालेज की स्थापना की परिकल्पना और उसके वर्तमान तक पहुंचने के इतिहास पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए मेडिकल कालेज के विस्तार में सभी सहयोगियों जिनमें प्राचार्य, प्रवक्ता, चिकित्सक, छात्र सभी को धन्यवाद मिश्रित आशीर्वाद दिया व उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। उन्होने कहा कि आयुर्वेद की शिक्षाओं का अनुकरण करके उसे संसार मंे नम्बर एक की विश्वनीयता पर स्थापित रखा जा सकता है। सभी छात्र व विशेषज्ञ इस क्षेत्र मंे कुछ नया करने के लिए प्रयासरत रहें। सीएमई में देशभर से आये हुए विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे व सैकड़ों की तादात में विभिन्न स्थानों से आये लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा की बरीकियों के बारे में ज्ञानवर्धन कर सकेंगे। इस मौके पर मेडिकल काॅलेज के चेयर मैन डाॅ0 जितेन्द्र सिंह यादव, इलाहाबाद के गोल्ड मेडिलिस्ट डाॅ0 ज्ञान ंिसंह तोमर, मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ0 बीसी सिंह, मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ0 वीके दीक्षित, रोग विकृति विज्ञा के विभागाध्यक्ष डाॅ0 एसके गुप्ता, डाॅ0 जीएस तोमर, डाॅ0 सुनील गुप्ता, सहित सैकड़ों छात्र व विशेषज्ञ मौजूद रहे। [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]