फर्रुखाबाद: दिसंबर के साथ ही ठंड का आगाज भी हो गया। हालांकि अधिक्तम तापमान में अभी उतनी कमी नहीं आई है,पर न्यूनतम तापमान चार दिनों में गिरकर आधे से कम हो गया।
इससे सुबह और रात की सर्दी बढ़ गयी। संदूकों, दीवान और आलमारी में रखे गरम कपड़े और लिहाफ बाहर निकल आए। सुबह की गुन-गुनी धूप अब सुहाने लगी है। कपड़ों के दुकान पर गर्म कपड़ों और उन की खरीद और पूछताछ बढ़ गयी है।
जहां तक मौसमविदों की बात है तो वे पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि ला नीनो के प्रभाव से इस साल बेहतर बारिस के साथ अच्छी ठंड भी पड़ेगी। थोड़ी देरी पश्चिमी और दक्षिणी भारत में हुई बारिश के प्रभाव से यहां हुई बदली के कारण हुई।
सहायक मौसम निदेशक शफीक अहमद पहले ही कह चुके हैं कि मौसम साफ होते ही शुष्क पश्चिमी हवाओं के नाते सर्दी बढ़ेगी। बदली छंटते ही ठंड ने अपनी मौजूदगी का अहसास करा दिया। जहां तक खेती-बारी की बात है तो दिसंबर में लंबे समय तक की ठंड गेहूं की फसल के लिए अच्छा होता है। इससे गेहूं के पौधों की टिलरिंग (कल्ले निकलना) अच्छी होती है।