नई दिल्ली: भारतीय मुद्रा की विशेष पहचान के रूप में उसमें अंकित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो को देखा जा सकता है। मगर पहले बापू की फोटो अंकित नहीं होती थी। अस्सी के दशक तक किसी व्यक्ति विशेष की जगह राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न चार शेरों वाली मूर्ति एवं अन्य वस्तुओं की फोटो नोटों में छपती थी। अचानक 90 के दशक में महात्मा गांधी की फोटो नोटों में छापी जाने लगी। यह कब हुआ, कैसे और किसके आदेश पर हुआ, इसकी जानकारी न सरकार को है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को।
इस तथ्य का खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा ने केंद्र सरकार और आरबीआई से जानकारी मांगी थी कि नोटों में बापू की फोटो छापने का निर्णय किस दिनांक और किस वर्ष लिया गया। यह भी पूछा गया था कि यह निर्णय किस आदेश से लिया गया था, उस विभाग और उन अधिकारियों के नामों की जानकारी दी |
इस पर केंद्र और आरबाइआई ने बताया कि सभी नोटों पर वॉटर मार्क एरिया में महात्मा गांधी की फोटो मुद्रित करने की सिफारिश 15 जुलाई, 1993 और नोट में दाहिनी तरफ बापू का चित्र मुद्रित करने का सिफारिश 13 जुलाई, 1995 को आरबीआई ने केंद्र सरकार को की थी। यह निर्णय केंद्र सरकार ने कब लिया, कब लागू हुआ और किस तारीख से महात्मा गांधी की फोटो भारतीय नोटों पर छापने का कार्य शुरू हुआ। इसकी जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं है।