फर्रुखाबाद: बाग़ लकूला स्थित क्रषि विज्ञान केंद्र में आयोजित विज्ञान चौपाल कार्यक्रम में किसानों को खेती करने के नुस्खे बताये गए| खासकर किसानों को सब्जियों में कीटनाशक जहरीली दवा न डालने की सलाह दी गयी|
कार्यक्रम का आयोजन जिला विज्ञान क्लब ने विज्ञान एवं प्रोधोगिकी परिसर उत्तर प्रदेश के सहयोग से किया था जिसमे क्लब की अध्यक्ष जिलाधिकारी मिस्तिनी एस, उपाध्यक्ष सीडीओ सीपी त्रिपाठी एवं समन्वयक जीआईसी फतेहगढ़ के प्रधानाचार्य देवेन्द्र स्वरुप शामिल नहीं हुए| अफरा-तफरी के माहौल में क्रषि वैज्ञानिकों ने किसानों को डग्गामारी की तरह सलाह दी|
किसानों को लिखने के लिए पैड व पेन तक नहीं दिया गया| वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि वह तैयार भिन्डी आदि सब्जियों की फसल में कीटनाशक दवा का क़तई प्रयोग न करें क्योंकि दवा के असर से जहरीली सब्जियों को तुम्हारे ही भाई बन्धु खाते हैं|
वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि वह मेड़ पर फसलें बोयें इससे २५ प्रतिशत पानी की बचत के साथ ही खरपतवार से निजात मिलेगी| खाद का भी सदुपयोग होगा| किसानों को करौंदा व परिमल में कीटनाशक दवाओं का प्रयोग न करने तथा खेसरी दाल न खाने की सलाह दी|
बेहतर उत्पादन के लिए जमीन में सूक्ष्म तत्वों की मौजूदगी बिना हरित क्रान्ति को बेईमानी बताया गया| किसानों को सरकारी अनुदान के बजाय अपने पैरों पर खड़े होने की सलाह दी गयी| कृषि वैज्ञानिक डॉ रामप्रकाश, डॉ महेंद्र प्रताप, गृह वैज्ञानिक डॉ अलका कटियार, उप प्रधानाचार्य डीपी सिंह ने किसानो को खेती करने के नुस्खे बताये|
किसानों को लालीपाप के नाम पर लंच पैकेट दिया गया| लेखन सामिग्री तक न दिए जाने से नाराज किसानों ने बताया कि यदि उन्हें मालूम होता तो वह पेन व डायरी लेकर आते|