बाबू सिंह कुशवाहा को तगड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत

Uncategorized

Supreme Courtनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के एनआरएचएम घोटाले के आरोपी बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि पूर्व मंत्री पर संगीन आरोप लगे हैं ऐसे में जमानत नहीं मिल सकती है|

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] घोटाले में जेल की सलाखों के पीछे कैद बसपा सरकार के मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा उच्च न्यायलय द्वारा जमानत न दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था| लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी तगड़ा झटका मिला है| गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोप बहुत ही गंभीर हैं। इसलिए सुनवाई नहीं की जा सकती है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जाँच ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने 2012 में उनके खिलाफ जांच बैठाई थी| ईडी ने अपनी जाँच में पाया कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने एजेंटों, नौकरों और सहयोगियों के नाम काफी सम्पत्ति बनाई। जांच की अवधि में ईडी ने दो सौ से अधिक लोगों से पूछताछ की और पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद कार्रवाई की। कुशवाहा के खिलाफ पहले चरण की बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने काफी सम्पत्ति जब्त कर चुकी है।

इससे पहले एनआरएचएम घोटाले के सूत्रधार बाबू सिंह कुशवाहा उनकी पत्नी शिवकन्या, कुछ रिश्तेदारों और पूर्व एमएलए आरपी जायसवाल सहित कुछ कंपनियों के संचालकों समेत 24 लोगों को ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में नोटिस जारी किया था। आरोपियों को 4 जुलाई को ईडी के न्यायिक प्राधिकरण के सामने अपना पक्ष रखना था। ईडी ने जिनको नोटिस जारी किया था उसमें बाबू सिंह कुशवाहा, शिवकन्या, शिव शरण कुशवाहा, आरपी जायसवाल, मुरली मनोहर जायसवाल, श्याम सुंदर जायसवाल, अनिल गुप्त, सुमन गुप्ता, विंध्य शक्ति सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एक्जिम इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड, तथागत शिक्षा समिति, भगवत प्रसाद एजूकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट, श्याम गंगा बिल्डर्स, अंजय एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड, केके जैन ट्रस्ट, ब्लूम रियल्टर एंड हॉस्पिटैलिटी शामिल थे |
[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]