फर्रुखाबाद: लघु सिचाई में पिछले साल हुआ 14 करोड़ का घोटाला दफ़न है| 112 बोरिंग जो हुई दर्शायी गयी थी वे भौतिक सत्यापन में पुरानी पायी गयी थी| मगर फिर भी नलकूप विभाग के आंकड़े दुरुस्त है| जिलाधिकारी की बैठक में जानकारी दी गयी कि जिले में कुल 337 नलकूप कार्यरत है| 12 नलकूप मैकेनिकल रूप से ख़राब है और 30 बिजली सबंधित खराबी से बंद है| ये जो चालू नलकूप विभाग ने डीएम साहब को बताये है उनकी सूची न तो डीएम साहब को दी गयी है और न ही मीडिया को| सोशल ऑडिट हो तो कैसे| किसानो को इन नलकूपों से पानी मिल पा रहा है कि नहीं इस बात का सत्यापन कौन करेगा कोई पता नहीं|
नेताओ के कब्जे में है कई सरकारी नलकूप, आम किसान को नहीं मिलता पानी-
फिलहाल नवाबगंज और मोहम्दाबाद ब्लाक के दो नलकूपों के बारे में जानकारी मिली है कि एक नलकूप जिले एक बुजुर्ग सपा नेता के फार्म हाउस में लगा है जिसका पानी सिर्फ उन्ही के खेतो की सिचाई करता है| ये नेता जी विधायक से लेकर सांसद तक रह चुके है| कोआपरेटिव की राजनीती में अच्छा खासा दखल है और जब कोआपरेटिव में घोटाले की फाइल बसपा सरकार में खुली तो तुरंत फीस अदा कर हाथी पर सवार हो गए थे| डीएम साहब को चाहिए कि वे सूची मीडिया को उपलब्ध कराये ताकि जनता को पता चले कि उनके गाव में भी कोई नलकूप लगा है जिससे उन्हें भी पानी लेने का अधिकार है| एक और ऐसा ही नलकूप पिपरगाव ग्राम सभा में भी लगा है जिसका पानी भी आम किसान को मैयस्सर नहीं है| वातानुकूलित मीटिंग हाल में आंकड़े आज भी खोखले है जिसका जबाब जनता चुनावो में ही दे पाती है|
मासिक स्टाफ बैठक में वसूली को लेकर डीएम ने कस शिकंजा-
कई विभागों की वसूली लक्ष्य शुन्य मिला है| खासकर सैकड़ो बसे और डग्गामार वाहन वाले अमृतपुर मार्ग की वसूली शुन्य है| लक्ष्य मिला है 34290 रुपये| इस मार्ग पर पुलिस और आरटीओ दोनों सुबह ४ बजे मुस्तैद वसूली करते हुए मिल सकते है मगर सरकारी खजाना खाली है| वैसे खबर तो ये भी कि इतना रुपया तो हर रोज की वसूली का एक हिस्सा मात्र भर है| मनोरंजन कर का लक्ष्य 243000 रुपये है जबकि वसूली में अभी तक प्रगति शून्य है| वैसे केबल कंट्रोल रूम और केबल ऑपरेटर ऊपर का पैसा (कम कनेक्शन दर्शाने के एवज में) हर माह समय से पंहुचा रहे है| अब सरकारी खजाने में नहीं जमा हो पाया तो उसके लिए कारणों की कमी नहीं है|
अवैध खनन में लेखपाल निलंबित-
कमालगंज के किला इलाके में बालू का अवैध खनन रात में तीन बजे होने की जानकारी जनता से डीएम को मिली| डीएम ने क्रॉस चेक कराया तो जानकारी सही मिली| हलके के लेखपाल निपट गए है| भैरो घाट पर भी अवैध खनन रोकने के आदेश दिए गए है|
मीटिंग के बीच में खिसक गए मंडी समिति के सचिव-
जिस की 2 गलती उसे दो फटकार, जिसकी तीन गलती उसे तीन फटकार और जिसकी चार उसे चार प्रकार की फटकार देख समंदी समिति के सचिव ने डीएम की मीटिंग से खिसकना ही उचित समझा| बेचारे 100 प्रतिशत गलती वाले जो थे| जनहित में सारा समय उन पर ही ख़राब हो जाता….
एक सप्ताह में 72 आरा मशीने सील-
डीएम एन के एस चौहान ने अभियान चलाकर अवैध आरा मशीने बंद कराने का फरमान जारी किया था| वन विभाग और पुलिस दोनों की ही जिम्मेदारी थी| सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 72 आरा मशीने सील की गयी बतायी गयी है| सूची कोई जारी नहीं की गयी है| वैसे खबर ये है कि इतना बड़ा कोटा पूरा करने में भी बाजीगरी है| पुलिस की एकजाई और वन विभाग के घूसखोरो के मुह से हड्डी निकाल लेना आसान नहीं है| इनमे से कई आरा मशीने ख़राब होने के कारण बंद थी और कई दर्जन पहले से ही लिखापढ़ी में बंद थी| अच्छा होता कि सूची मिलती ताकि जनता सोशल ऑडिट कर पाती|
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