फर्रुखाबाद: इस बार जून में सामान्य से 89 फीसदी कम बारिश हुई। बारिश न होने से तापमान चालीस डिग्री के आसपास रहा और सूरज की किरणें लोगों को झुलसाती रही। वहीं बारिश न होने से खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। कुछ दिन और ऐसा ही हाल रहा तो सूखे जैसी स्थिति हो जाएगी।
अक्सर जून के आखिरी हफ्ते में मानसून की बारिश शुरू हो जाती है। अगर मानसून नहीं आता है तो प्री मानसून की बारिश होती है। लेकिन इस बार प्री मानसून की भी बारिश नहीं हो रही है। मौसम विज्ञानी डा. एचएस कुशवाहा के मुताबिक जून महीने में औसतन 125 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन यह महीना खत्म होने को है और अब तक 14 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे किसानों का भारी नुकसान हो रहा है। उनकी धान की फसल लेट हो रही है तो गन्ना या सब्जी आदि की फसलों में अधिक पानी देना पड़ रहा है। इससे उनकी जेब ढीली हो रही है। वहीं सूरज की किरणें लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। लगातार तापमान चालीस डिग्री या इससे अधिक रहा। रविवार को भी तापमान में एक बार फिर 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वहीं न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा। दोपहर को कुछ देर के लिए मौसम में बदलाव आया, आंधी के कुछ झोंके चले और बादल उमड़ घुमड़ करने लगे। लेकिन बारिश नहीं हुई। डा. कुशवाहा ने बताया कि दो जुलाई या इससे के बाद मानसून आने के आसार हैं।
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जून महीने में बारिश के आकड़े (मिलीमीटर में)
2009 में 21.92
2010 में 22.00
2011 में 8.02
2012 में 13.10
2013 में 357.41
2014 में 14.00