हर्षवर्धन पलटे, अब स्कूलों में यौन शिक्षा को बताया जरूरी

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harshvardhan-appeals-tनई दिल्ली:स्कूलों में छात्रों को यौन शिक्षा पर लिखे अपने ब्लॉग पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सफाई दी है। अब हर्षवर्धन ने कहा है कि स्कूलों में यौन शिक्षा जरूरी है। हर्षवर्धन का ये भी कहना है कि जिस ब्लॉग पर विवाद हो रहा है वो साल 2007 का है।
अपने इस ब्लॉग में हर्षवर्धन ने स्कूलों में सेक्स एजुकेशन पर रोक लगाने की वकालत की है। उन्होंने सेक्स एजूकेशन की जगह स्कूलों में योग शिक्षा को अनिवार्य करने की वकालत की है। उन्होंने ब्लॉग पर लिखा है कि स्कूलों में यौन शिक्षा देने के बजाय नौतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सेक्स एजुकेशन के स्थान पर स्कूलों में योग शिक्षा को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
दो दिन पहले ही उन्होंने एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाते समय कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उनकी दलील थी कि अगर व्यक्ति अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहे तो कंडोम की जरुरत ही नहीं है। एड्स के खिलाफ अभियान में जुटे संगठनों ने उनके इस बयान का विरोध किया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को सफाई भी देना पड़ी थी।