नई दिल्ली:अब सरकार एलपीजी सिलिंडर की कीमत भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार 5 रुपये प्रति सिलेंडर गैस महंगा कर सकती है जबकि केरोसिन तेल भी 1 रुपये महंगा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक ये दाम किश्तों में बढ़ाये जा सकते हैं एक साथ सारा बोझ जनता पर नहीं डाला जाएगा। इसके साथ ही डीजल को बाजार कीमत पर लाना भी सरकार के एजेंडे में शामिल है। पेट्रोल और एटीएफ के दाम पहले से ही सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं और इनके दाम ही सबसे पहले बढ़ेंगे। जल्द ही कुकिंग गैस सिलिंडर मंहगा हो सकता है। सरकार सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर की कीमत में बढ़ोतरी कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार से सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत बढ़ाने की सिफारिश की है। फिलहाल दिल्ली में सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर की कीमत 414 रुपये है। हालांकि इसमें कितनी बढ़ोतरी की जाएगी, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। पेट्रोलियम मंत्री ने डीजल को भी पूरी तरह से डीरेगुलेट यानी बाजार कीमत पर करने की सिफारिश की है।
यूपीए सरकार ने जनवरी 2013 में डीजल पर भारी भरकम अंडर रिकवरी को कम करने के लिए हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर डीजल की कीमत बढ़ाने का फैसला किया था। जिसके चलते इस समय डीजल की कीमत बाजार रेट से करीब 1.7 रुपये प्रति लीटर कम रह गई है। लेकिन अब नई सरकार इसे पूरी तरह से खत्म करना चाहती है। जाहिर है कि इराक संकट के चलते सरकार को अंडर रिकवरी में भारी बढ़ोतरी का भी डर सता रहा है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, भारत की मौजूदा खपत को देखते हुए अगर डॉलर एक रुपए मंहगा होता है तो सालाना अंडर रिकवरी 7900 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी। जबकि क्रूड की कीमत में एक डॉलर की बढ़ोतरी से सरकार पर सालाना 4400 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। ऐसे में अगर ये बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला गया तो ये खर्च सरकार को ही उठाना पड़ेगा।
वित्तीय घाटे को कम करने के लिए सरकार हर हाल में सब्सिडी पर काबू पाना चाहती है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल, इस समय तेल कंपनियों को डीजल, केरोसिन और एलपीजी की बिक्री से रोजाना 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अभी डीजल पर प्रति लीटर 1.62 रुपये, केरोसिन पर 33 रुपये और एलपीजी पर प्रति सिलिंडर 433 रुपये की सब्सिडी सरकार को देनी पड़ रही है। इस वजह से साल 2014-15 में कुल अंडर रिकवरी 91,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान है।