आवास विकास में अतिक्रमण गिराने के लिए 5 लोगो को नगरपालिका ने थमाया नोटिस

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Swagt gest houseफर्रुखाबाद: नगर मजिस्ट्रेट के निर्देश पर अधिशासी अधिकारी नगरपालिका ने आवास विकास कॉलोनी में 5 अतिक्रमणकरियो को 48 घंटे में अवैध कब्ज़ा और अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए है| हालाँकि पहले 24 घंटे की मोहलत देने की बात की जा रही थी| पालिका के सहायक अभियंता अमित शर्मा ने जेइनआई को बताया कि 5 नोटिस में से तीन प्राप्त करा दिए गए है दो को कल रविवार को रिसीव करा दिया जायेगा| जिन तीन को आज नोटिस प्राप्त करा दिए गए है सोमवार की शाम तक अगर अतिक्रमण नहीं हटा तो पालिका अतिक्रमण तोड़ कर खर्च वसूली की कार्यवाही भी करेगा|

आवास विकास कॉलोनी में प्रवेश करते जनता का स्वागत अतिक्रमण से होता है| कोने पर बना लोहिया मार्किट काम्प्लेक्स जो अब स्वागतम गेस्ट हाउस और मनकामेश्वर होटल के नाम से जाना जा रहा है का निर्माण सड़क और सरकारी जमीन पर होने के कारण अतिक्रमण के रूप में चिन्हित कर दिया गया है| कभी इस काम्प्लेक्स के चारो ओर नियमानुसार पार्किंग की जगह हुआ करती थी जो अब अवैध निर्माण में तब्दील हो चुकी है| इतना ही नहीं मुख्य मार्ग की जमीन का भी अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया गया है| इसके कारण आवास विकास तिराहे पर अक्सर जाम की स्थिति हो जाती है| इसके अतिरिक्त आवास विकास में अन्य अतिक्रमण में डॉ भल्ला, पूर्व विधायक सुशील शाक्य, डॉ जे एम वर्मा और एक अन्य को नोटिस भेजा गया| स्वागतम गेस्ट हाउस, डॉ भल्ला और सुशील शाक्य को नोटिस तामील करा दिया गया है जबकि डॉ जे एम वर्मा और एक अन्य को नोटिस कल रविवार को रिसीव कराया जायेगा|

ज्ञात हो कि आवास विकास में कई सैकड़ा खोके और खोमचे वाले हटाये गए जो अपनी रोजी रोटी चला कर अपना परिवार चला रहे था| इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह के पुत्र के क्लीनिक के बाहर का अतिक्रमण भी हटाया गया| जबकि कई अन्य बड़े और प्रभावशाली लोगो के अतिक्रमण न हटाने को लेकर व्यापारियों में गुस्सा व्याप्त हो गया| एक बीमा एजेंट सहित कथित पत्रकार भी अतिक्रमण न हटाने का ठेका लेकर पैरवी करने में जुट गए है| वहीँ दूसरी ओर जिन व्यपारियो ने नियम के अनुसार भवन बना रखे है वे अब प्रशासन द्वारा अतिक्रमण न हटवाने की स्थिति में हाईकोर्ट जाने के लिए तैयारी भी करने लगे है| वैसे मोहलत में मिली 24 घंटे की जगह 48 घंटे की मोहलत को आम जनता अतिक्रमणकारियों को कोर्ट जाने के लिए बाईपास और अतिरिक्त सहूलियत के रूप में देख रहे है| हालाँकि कानून के जानकार बिना नक़्शे के पास हुए और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण में निर्माण पर अदालत को गुमराह करके स्टे मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन बता रहे है| उधर जिलाधिकारी ने बताया है कि जिले में अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा| नगर को साफ़ सुथरा बनाना उनकी प्राथमिकता में है|

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