फर्रुखाबाद: मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव संगठन को भंग कर दे| मंत्रियो का दर्जा बर्खास्त कर दे| डीएम एसपी बदल दे| मगर क्या इन सब बदलावों से जनता समाजवादी पार्टी से संतुष्ट हो जाएगी| जाहिर है नहीं| वक़्त बदल रहा है| बदलाव प्रशासनिक व्यवस्था में नहीं ईमानदारी बरतने से होगा| इन दिनों जिले के अधिकारी सरकारी दफ्तरों में छापामारी कर रहे है| गायब तलाशे जा रहे है| मगर जनता में इसकी प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं जा रही है| जनता कह रही है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अफसर मौन हो जाते है| जनता लुटती रहती है| बाबू दफ्तर में न बैठा तो इतना बड़ा कसूर नहीं किया| कसूर तो वो बैठने के बाद जनता को लूटने का करता है और उस पर किसी अफसर के पास ईमानदारी से कार्यवाही करने का जज्बा नहीं है| कुछ गिफ्ट में बिक जाते है तो कुछ लूट के माल में हिस्सेदारी करके|
पिछले दिनों मदरसो में घपले बाजी को लेकर एक आर टी आई कार्यकर्ता के खुलासो के बाद जाँच में सब कुछ अवैध पाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई| जो कुछ कार्यवाही हुई वो मात्र कागजी खानापूर्ति के लिए| सिर्फ नोटों के आदान प्रदान से कुछ लाभ हानि जरूर हुई| मगर घपले करने वालो को कोई सजा नहीं मिली| न उसके खिलाफ कोई अपराध पंजीकृत कराया गया| कन्या विद्या धन वितरण में भी कई मामले फर्जी पकड़ में आये थे| छात्रवृति के घोटालो में समाज कल्याण और अल्पसंख्यक विभाग डूबा हुआ है| जनता के पैसो की लूट के इन मामलो में कोई सजा किसी को नहीं मिलती| न बाबू को और न अफसर को| खबर है कि विकास भवन के एक बाबू ने एक अफसर को साधने के लिए एक बढ़िया सा लैपटॉप गिफ्ट किया है| ऐसे में कार्यवाही और जनता को इन्साफ मिलने की उम्मीद कहाँ से रखी जाए| तो छापेमारी से ज्यादा जरुरत उस बात पर चोट करने की है जिससे जनता को सीधा नुकसान हो रहा है|
नवाबगंज इलाके में पिलखना न्याय पंचायत के इलाके में बंजर भूमि को सुधार करने के लिए सरकार ने 3 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बाटने के लिए जिप्सम की बोरिया भेजी है| यहाँ भूमि सुधार कर्मचारी बेच रहे 6 रुपये मे वोरिया न्याय पचायत पिलखना मे भूमि सुधार के लिये 13000 बोरिया आयी। जिन्हे भूमि सुधार कर्मी 6 रुपये प्रति बोरी अवैध रुप से बेच रहे है। बोरिया ब्लैक मे बेची जा रही है। भूमि सुधार के अन्तर्गत 3 रुपये प्रति बोरी से ऊसर खाद मिलती है। न्याय पचायत पिलखना मे कोला, उमरैल, ब्रहमपुरी, रसूलपुर, न.भटाह, ब्रायमपुर, प्रकाश नगर, नगला खरा, नगला शिम्भू, हिरनखुदा, मनोहरनगर आदि गाव आते है। भूमि सुधार निगम के कर्मचारी अन्य न्याय पंचायत के किसानो को जरुरत पड़ने पर यह कहकर ब्लेक में जिप्सम बेच रहे है कि उनके गाव के लिए नहीं आया| बात केवल 3 रुपये या आवंटित गाव से अलग लोगो को जिप्सम देने की नहीं है| बात जरुरत, उसूल और किसानो के साथ सरकार की ईमानदारी की है| सोचना सरकार को है कि जनता उसके साथ ईमानदारी से क्यों रहे, जब वो खुद उसके साथ ईमानदारी से पेश नहीं आ पाती| उन्हें सत्ता चाहिए और किसानो को केवल मिटटी वो भी ईमानदारी से उपलब्ध नहीं करा सकते|
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