फर्रुखाबाद: केंद्र में अच्छे दिन आ गए मगर यूपी की जेलों में अंग्रेजो के जमाने के दिन आ गए है| फतेहगढ़ की जिला जेल में बंदियों के गुस्से से निपटने को निहत्थो पर कई राउंड गोलिया चलायी गयी| एक बंदी की गर्दन पर गोली लगी है जिसे कानपूर रेफेर कर दिया गया है| [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]
वही बंदियों के दबाब के चलते प्रशासन को आखिर जेल के अधिकारियो व कर्मचारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी | बंदी रनसिंह व संदीप उर्फ बंटी ने अलग अलग मुकदमे दर्ज कराये है | जिसमे जिला जेल के जेलर सुरेश चन्द्र मिश्रा, डिप्टी जेलर राजेश राय व सिपाही ओमप्रकाश,प्रदीप भदौरिया,अजय कुशवाह,जितेन्द्र यादव,हाकिम सिंह,पंकज शुक्ला,पुरुषोतम सिंह,विकास कटियार व एक अन्य के खिलाफ हत्या व जानलेवा हमले की धारा 302 व 307 के तहत मुक़दमा दर्ज कराया है |
थाना मेरापुर के ग्राम किलखिना निवासी रनसिंह उर्फ पडकू पुत्र ब्रजलाल ने दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के मुताबिक बीमार बंदी राजेन्द्र यादव को लोहिया अस्पताल न भेजने पर मै कुछ बंदियो के साथ जेलर से मिला। जेलर अपने नये डिपटी जेलर व कुछ सिपाहियो के साथ सर्किल में आ गये। कुछ सिपाही सरकारी रायफिले लिये थे अन्य सिपाहियो के पास तमंचे थे। जेलर लाइसेंसी डबल बैरल बंदूक लिये थे। जेलर ने कहा कि तुम लोग ज्यादा नेतागीरी करते हो जेलर सुरेश चन्द्र ने बंदूक से जांन से मारने की नियत से फायर कर दिया। गोली दीपू पुत्र रूपलाल के टाग में लगी।
फायर होने पर भगदड़ मच गई। तभी डिपटी जेलर राजेश राय ने रायफल से सीधा बंदियो पर फायर कर दिया। थाना राजेपुर के ग्राम सीढ़े चक्करपुर निवासी अल्लू पुत्र ओमपाल की गर्दन में गोली लगी। वह जमीन पर गिर गया। उसके बाद सिपाही ओमप्रकाश हेड, प्रदीप भदौरिया, अजय कुश्वाह, जितेन्द्र यादव, विकास कटियार, हाकिम सिंह, पकंज शुक्ला, पुरूषोत्तम सिंह, सादिक आदि सिपाहियो ने नाजायज असलाहो से दहशत फैलाने के लिये फायर किये। तभी डिपटी जेलर ने एक और फायर किया। गोली लगने से बैरिक नम्बर 5 की दीवार की ईट टूट गई। इस घटना को बंदी नागेन्द्र यादव उर्फ बाबा, वीरेन्द्र संदीप आदि ने देखा है।
24 घंटे की हड़ताल के बाद जेल में बंदियों से वार्ता करके निकले डीआईजी शरद कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जेल में जेल प्रशासन की ओर से गोली चलायी गयी है| जाँच में ये बात स्पष्ट हो गयी है| जेलर डिप्टी जेलर सहित नौ सिपाहियों पर रिपोर्ट दर्ज की गयी है | दोष सिद्ध होने पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी |