नई दिल्ली: बीजेपी नेता अमित शाह के एक और बयान पर विवाद हो सकता है। अमित शाह ने इस बार आजमगढ़ को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। एक चुनावी सभा में अमित शाह ने हमला तो यूपी सरकार पर बोला लेकिन आजमगढ़ को आतंकवादियों का अड्डा बता गए।
अमित शाह ने एसपी और बीएसपी पर हमला बोलते हुए कहा कि कभी सपा, कभी बसपा ने जाति की राजनीति करके ऐसा हाल कर दिया यूपी का। मुलायम सिंह का सामाजवाद परिवार तक सीमित रह गया है। उनका ध्यान यूपी को नहीं परिवार को आगे बढ़ाने में है।
अमित शाह ने कहा कि अभी मुलायम ने एक फतवा जारी किया है, आतंकवादियों को छोड़ने का। वोट बैंक की राजनीति से नेता जी देश को न बेच दें। जो सरकार देश को दहला देने वालों को छोड़ दे, उस सरकार को उखाड़ कर फेंक दें। आतंकवादियों ने आज़मगढ़ से जाकर गुजरात में धमाके किए। कैसी सरकार है यूपी में, जिसने वीरों की भूमि आज़मगढ़ को आतंकवादियों का अड्डा बना दिया। सरकार अगर आतंकवादियों को छोड़ने का काम करेगी तो धमाके ही धमाके होंगे।
अपने भाषण को लेकर अमित शाह पहल भी विवादों में आ चुके हैं। बिजनौर में एक सभा में अमित शाह ने वोट के जरिए बदला लेने की बात कही थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन पर पाबंदी लगा दी थी। बाद में माफी मांगने के बाद शाह को प्रचार की इजाजत दी गई।
शाह पर दिग्विजय भड़के
उधर, कांग्रेस ने अमित शाह के बयान पर विरोध जताया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शाह और नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कि दोनों नेता विकास का मुद्दा छोड़कर कम्युनल कैंपेनिंग पर उतर आए हैं। वे भूल गए हैं कि मोडासा बम धमाके में संघियों का हाथ था। आजमगढ़ हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है। यहां 1947 और बाबरी विध्वंस के बाद भी कोई दंगा नहीं हुआ है। चुनाव आयोग को अमित शाह के बयान पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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