जेब गर्म करने के इंतजार में नही हो रहे निजी अस्पतालों के नवीनीकरण

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asptalफर्रुखाबाद : जनपद में झोलाछाप डाक्टरों पर तो स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अपनी दया की वर्षा कर रहा है | वही अवैध तरीके से बनाये गये कई निजी अस्पतालों पर भी विभाग की नजरे दयावान है | जो अवैध है वो तो देते ही है साथ ही साथ जो एक दो मानक के अनुरूप है उनसे भी बिना रकम लिए नवीनीकरण नही किया जाता है | हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जनवरी महा में नवीनीकरण होना था | लेकिन लगभग पांच महा गुजरजाने के बाद भी विभाग अभी तक नवीनीकरण शुरू नही कर रहा है | अस्पताल संचालक भी इस पर कोई खास जोर नही दे रहे है |

जनपद में लगभग 65 से 70 निजी अस्पताल है जो विभिन्य जगहों पर बने हुए है | कई में तो चिकित्सक ही नही है और कई अस्पताल तो अपने भवन के अन्दर ही आक्सीजन तक वनाने का काम करते है और मरीजो की जान से खिलबाड़ कर रहे है |
दरअसल अस्पताल संचालको से विभाग प्रति वर्ष नवीनीकरण के नाम पर 25 से 30 हजार रुपये बसूली करता है | जिसका हिस्सा नीचे से ऊपर तक तय है |अस्पतालों में अप्रशिक्षित कर्मचारी काम करते है |
लेकिन विभाग अपनी आंखे बंद किये है | कुल मिला कर प्रति वर्ष नवीनीकरण के नाम पर लगभग पांच से 6 लाख रुपये की मोटी रकम बसूल कर अस्पतालों को अमानक तरीके से चलाने का फरमान जारी कर दिया जाता है |

इस संबध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया की अस्पतालों से उनके कागजात मांगे गये है | जल्द नवीनी करण शुरु कर दिया जायेगा |