बढ़पुर व्लाक प्रमुख यशपाल यादव की कुर्सी पर सत्ता की नजर टेड़ी

Uncategorized

yashpal-singh-yadavफर्रुखाबाद : सत्ता में जिसकी लाठी उसकी भैस का चलन बहुत ही पुराना है | प्रशासन भी उसी तर्ज पर काम करता है | पुलिस को तो चाकू मान कर चलिए जैसे आदमी के हाथ में होगा वैसे ही तरीके से चलेगा | फ़िलहाल राजनीति किस करवट बैठ जाये यह भी कोई नहीं जानता | सपा और टीम सचिन के बीच हुए चुनावी घमाशान में पहले ही लगभग दो दर्जन सचिन समर्थको को सपा से बाहर का रास्ता दिखाया जा चूका है | जिसमे जिला पंचायत सदस्य द्रगपाल सिंह बाबी भी शामिल थे | बाबी के भाई यश पाल सिंह बढपुर के व्लाक प्रमुख है | खबर है की यशपाल की कुर्सी सत्ता पक्ष की नजर में कंकरीट की तरह चुभ रही है| व्लाक प्रमुख की कुर्सी के लिए अविश्वास की तैयारी चल रही है |

VLAAK BADPURबताते चले की पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसपा नेता महेन्द्र कटियार के भाई अखिलेश कटियार बसपा की सरकार में बढपुर के व्लाक प्रमुख थे | सूबे में 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार आई तो सत्ता परिवर्तन के साथ सभी मलाई दार पदों पर सपा के लोगो को बैठाया गया | तत्कालीन सपा के राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह यादव के खास लोगो में सुमार द्रगपाल सिंह के भाई यश पाल सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव ला कर बसपा प्रत्याशी गुरुदीप कटियार को चार जनवरी 2013 को 10 मतों से हराकर बढपुर व्लाक प्रमुख के पद पर कब्ज़ा जमा लिया था

YAEPAL SINGHमंत्री पुत्र सचिन सिंह यादव को सपा ने लोक सभा का टिकट दिया लेकिन कुछ समय के बाद टिकट काट दिया गया | जिससे द्रगपाल सिंह यादव सहित कई दर्जन सचिन समर्थक उनके साथ पार्टी छोड़ कर प्रचार में जुटे तो मंत्री सहित तकरीवन दो दर्जन लोगो को बाहर का रास्ता दिखाया गया |

वही सत्ता की नजर व्लाक प्रमुख यशपाल सिंह यादव की कुर्सी की तरफ आ गयी है | सूत्र बताते है की कुर्सी एक पूर्व व्लाक प्रमुख की झोली में जा सकती है | यशपाल सिंह यादव की कुर्सी किस तरह सत्ता की हनक से हासिल की गयी यह भी किसी से छुपा नही था लेकिन सत्ता का दवाव लोगो की जवान पर था | लेकिन अब गेंद फिर किसी दुसरे के हाथ में है और सत्ता की नजर सपा से बागी हुए द्रगपाल सिंह यादव बाबी के भाई यशपाल सिंह यादव की कुर्सी की तरफ हो गयी है जिसको लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है |