फर्रुखाबाद: देश में आज तक किसी भी संसदीय या विधानसभा क्षेत्र के जातीय गिनती नहीं की गयी है| केवल अनुमान के आधार पर ही लोकसभा या विधानसभा की सीट फलां जाति की बहुलता के आधार पर गिनी जाती रही है| मगर पहली बार किसी भी लोकसभा या विधानसभा में जातीय आंकड़ों का अंदाजा अब लगाया जा सकता है| चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘राष्टीय वोटर सर्च’ के माध्यम से ये भी संभव हो गया है|
इसी सर्च पर फर्रुखाबाद की लोकसभा सीट पर जातीय आंकड़े तलाशने के दौरान बड़े चौकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे है| ठाकुर, ब्राह्मण, लोधी राजपूत, काछी, यादव और कुर्मी जाति के नाम और उपनाम सर्च करने पर जो आंकड़े सामने आये है उससे जातीय आंकड़ों के आधार पर चुनाव लड़ने वालो की हवा निकल सकती है| इसमें सबसे ज्यादा वोटर काछी और ब्राह्मण है उसके बाद यादव वोटर है| लोधी राजपूत और ठाकुर मतदाता की संख्या इसके बाद निकलती है|
सामाजिक समीकरणों में इस प्रकार की संख्या चौकाने वाली हो सकती है| क्योंकि जो वोटर तेजी से चिल्लाता और समूह के साथ इकठ्ठा हो जाता है वो आमतौर पर ज्यादा दिखाई पड़ने लगता है जबकि शांत और चुप रहने वाला मतदाता का वर्ग कम दिखाई पड़ता है| हो सकता हो इसी कारण अब तक जिस वर्ग के लोगो को ज्यादा समझते रहे हो वो अब कम निकल कर आ रहे है|
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सर्च करने पर काछी (शाक्य+कुशवाहा+मौर्या-आंशिक क्योंकि मौर्य दलित भी लिखते है) की संख्या 11019 निकल कर आ रही है| जबकि ब्राह्मण 10871 (इसमें दीक्षित, तिवारी, त्रिपाठी, त्रिवेदी, दुबे, शुक्ल, मिश्रा, शुक्ल, अग्निहोत्री, अवस्थी, पालीवाल, चतुर्वेदी आदि लगभग सभी उपनाम डाल कर तलाशे गए है) वोटर निकले है| इसके बाद संख्या यादव वोटर की है जो 5147 है| यादव वोटर केवल यहाँ “यादव” उपनाम ही इस्तेमाल करते है| यादवो के बाद लोधी समाज का नंबर आता है जिसकी संख्या 4534 निकलती है, इसमें राजपूत और वर्मा लिखने वालो की तादात ही फर्रुखाबाद में ज्यादा है| क्षत्रियो में 4081 वोटर चौहान, भदौरिया, राठौर, सोमवंशी आदि डाल कर निकलते है| कुर्मी वोटो की संख्या 1641 निकली है जिसमे (कटियार-2093 और गंगवार-548) शब्द शामिल किये गए है|
कुल मिलकर ये आंकड़े चौकाने वाले है और पहली बार किसी संस्थागत डेटा से उपलब्ध है| वर्ना आज तक कोई इनमे से कोई जाति गिनी नहीं गयी है| ये आंकड़े उस भ्रम को दूर करने के लिए काफी है जिसके आधार पर कहा जाता रहा कि फर्रुखाबाद की सीट यादव या लोधी बाहुल्य है| मुसलमानो के टाइटल फिक्स नहीं होते लिहाजा उनकी गिनती संभव नहीं है| हरिजन जनसंख्या की गिनती होती है|
नोट- ये आंकड़े कुल वोटर संख्या नहीं है| पांचो विधानसभा को जोड़कर फर्रुखाबाद लोकसभा के आंकड़े है| जब वोटर सूची कंप्यूटर पर बनना शुरू हुई थी तब प्रारम्भ में किसी भी जाति वर्ग के उपनाम वोटर लिस्ट में नहीं लिखे जाते थे| ऐसा हर वर्ग के साथ सामान था| मगर बार में वोटर लिस्ट में नाम लिखाने या संसोधन में वोटरो ने अपने नाम के साथ अपनी जाति भी लिखाई| ऐसा सभी जातियों के लोगो ने किया होगा| ये आंकड़ा पूरी वोटर संख्या का नहीं है| लिहाजा जो नाम वोटर लिस्ट में जाति के नाम से दर्ज है उनका ही रिकॉर्ड इस प्रकार की सर्च में निकल कर आया है| मगर अनुमान काफी हद तक सटीक है| मगर जो निकला है वो जाति के नाम पर चुनाव लड़ने वालो की नींद हराम करने के लिए काफी है| ये अनुमानित आंकड़ा है| इसे कोई भी चुनाव आयोग की वेबसाइट से खुद सर्च कर सकता है|
चुनाव आयोग की वेबसाइट-www.eci.nic.in
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