सुनिए: जनता की मर्जी के खिलाफ प्रत्याशी देने वालो को सबक सिखाना है- सचिन यादव

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Sachin Nwabganjफर्रुखाबाद: जैसे जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है नेताओ की जुबानी तल्खी तेज होती जा रही है| नेताओ के पास अपने चुनावी मुद्दो की जगह दूसरो की खाल खीचने में ज्यादा वक़्त जाया हो रहा है| मतदान के 8 दिन पहले का चुनाव प्रचार भी कमोवेश इसी के इर्द गिर्द घूमता रहा| मोदी की 3D सभा, सपा नेताओ का जनसम्पर्क और सभाए, बसपा का मायावती की सभा में भीड़ बढ़ाने के लिए भाषण और जनसम्पर्क, कांग्रेस का वोट मैनेजमेंट और आजाद उम्मीदवार सचिन सिंह यादव का अपने पिता नरेंद्र सिंह यादव के साथ देर रात तक होता चुनाव प्रचार|

Narendra Singhगाव देहात में बात पहुचाने के बाद नरेंद्र सिंह यादव ने दो दिन से नगर में अपना जोर लगाया है| प्रत्याशियों की एक दर्जन सभाए लग जाती है मगर समय कम होते होते ये सभी सभाओ में नहीं पहुंच पाते| ऐसे में सचिन सिंह का चुनाव प्रचार उनके पिता और उनकी बहन मोनिका संभालती है| नरेंद्र सिंह यादव ने देर रात सातनपुर और लाल सराय के साथ साथ एक दर्जन मीटिंग की| मीटिंग में उनका मुद्दा अपने पुत्र के लिए वोट मांगने के साथ साथ जनता से अपना जुड़ाव बताना भी रहता है| वे जनता से तुलना करवाते है कि जैसे मुझसे या मेरे बेटे से जनता आसानी से मिलकर अपनी बात कह सकती है क्या जिन्हे सचिन की टिकट काट कर दी गयी है उनसे मिल सकती है| वे कहते है सचिन आपका बेटा है सांसद बनने के बाद भी आपके पैर ही छुएगा सोचो आपको कितना गर्व होगा| भावनात्मक जुड़ाव जनता से जोड़ने का प्रयास| चुनाव चिन्ह कैंची पर वोट क्यों दिया जाए इसको विस्तार से बताना भी नहीं भूलते| नरेंद्र सिंह यादव सचिन से कम सभाए नहीं कर रहे है|
MONIKA YADAV
दूसरी तरफ सचिन यादव की खुद की मीटिंग की डिमांड उनके कार्यकर्ताओ में सबसे ज्यादा है| उसका कारण है उनका जोशीला भाषण| पूरी लोकसभा में एक कोने से दूसरे कोने तक एक ही प्रकार का भाषण| कोई जातीय आंकड़ा नहीं गिनाता| बस भाषण में सेवा करने और राजनीति को अपराध मुक्त करने की बात करना| युवा ताली पीटते है और सभा आगे बढ़ जाती है|

सुनिए क्या कहते है निर्दलीय सचिन सिंह अपने पक्ष में वोट डालने के लिए मतदाताओ से-