लोकसभा चुनाव में एक मतदाता को वोट डालने में सात सेकंड अतिरिक्त लगेंगे। पहले एक वोट पर औसतन 14 सेकंड का समय लगता था, अब औसतन 21 सेकंड माना जा रहा है। वोटर वेरीफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल [वीवीपीएटी] मशीन के कारण समय बढ़ गया है।
मतदान कक्ष में मतदाता के प्रवेश के बाद मतदान दल उसकी मतदान पर्ची देखता है। इसके बाद पर्ची के अनुसार मतदाता सूची में उसका नाम ढूंढ़ा जाता है, फिर उसकी अंगुली पर अमिट स्याही लगाई जाती है। इसके बाद ही मतदाता ईवीएम मशीन तक पहुंच पाता है और वोट डालने के लिए बैलेट यूनिट पर अपनी पसंद के प्रत्याशी के नाम का बटन दबाता है फिर बीप की आवाज सुनाई पड़ती है। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया में 14 सेकंड का औसत समय माना है। अब वीवीपीएटी मशीन के इस्तेमाल से मतदान की प्रक्रिया बढ़ा दी गई है। मतदाता बैलूट यूनिट का बटन दबाएगा तो बीप नहीं बजेगी, बल्कि वीवीपीएटी मशीन में वोटर स्लिप प्रिंट होगी। जिस प्रत्याशी के नाम का बटन दबाया गया है, उसका नाम और चुनाव चिन्ह प्रिंट होगा। यह पर्ची सात सेकंड तक मतदाता को दिखाई देगी, फिर वह वीवीपीएटी मशीन के ड्राप बॉक्स में चली जाएगी। इस तरह मतदान का औसत समय 21 सेकंड हो गया है। इस हिसाब से एक घंटे में 171 मतदाता वोट दे पाएंगे। मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे कर दिया गया है। अगर लगातार वोटिंग होती है तो 12 घंटे में 2057 लोग वोट दे सकेंगे।
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