फर्रुखाबाद: चुनावी नैया इस बार आसान नहीं है| नामांकन के समय दाखिल हलफनामे में दर्शाई गयी बैंक और हाथ में नगदी के मुकाबले चुनाव में अब तक ज्यादा खर्च करने पर सलमान खुर्शीद, जयवीर सिंह और रामेश्वर यादव सहित कुल दस को नॉइस जारी कर जबाब देने को कहा गया है| जिला निर्वाचन अधिकारी ने व्यय खातों का रखरखाव ठीक से पेश न किये जाने पर भी नाराजगी जताई है| अपेक्षित नीति के तहत व्यय व्योरा न दाखिल करने सुसंगत धाराओ में मुकदमा लिखाने की चेतावनी भी जारी की गयी है|
अभी तो चुनाव परवान भी नहीं चढ़ पाया और मामला फसने लगा है| चुनाव के लिए बैंक खातों में जमा रकम और पास में रखी नगदी से ज्यादा जो रकम खर्च की जा रही है उसका सोर्स न बताना मुश्किल में डाल सकता है| चुनाव आयोग और इनकम टैक्स विभाग चव्वनी- चव्वनी का हिसाब रख रहा है और प्रत्याशी दो नंबर का माल दोनों हाथो से बेहिसाब लुटा रहा है| अब तक आये चुनाव खर्चो और चुनाव आयोग की टिप्पणियॉ से तो यही लगता है|
नोटिस में कहा गया है कि नियमानुसार नकद भुगतान करने के लिए धनराशि चुनाव के लिए खोले गये बैंक खाते से निकालनी चाहिए। लेकिन बैंक खाते से पैसा निकाले बिना ही सीधे नकद भुगतान कर दिया। मालूम रहे कि पूरे चुनाव में केवल बीस हजार रुपये नकद खर्च किए जा सकते हैं। खाते का रखरखाव भी ठीक से नहीं किया गया। बिल वाउचर भी लेखा परीक्षण में प्रस्तुत नहीं किए गए।
जिला निर्वाचन अधिकारी पवन कुमार ने पांच निर्दलीय प्रत्याशियों को अब तक व्यय का हिसाब न देने पर उनको जारी वाहन पास निरस्त कर देने की चेतावनी दे दी है| इसी के साथ लोकप्रतिनिधित्व 1951 की धारा 77 के तहत विधिक कार्यवाही करने की कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है| जिलाधिकारी पवन कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी सलमान खुर्शीद, सपा प्रत्याशी रामेश्वर सिंह यादव, बसपा प्रत्याशी जयवीर सिंह व निर्दलीय अनोखेलाल, रामकिशोर द्विवेदी, अंजू, रामनिवास कठेरिया, ब्रह्माशरण जाटव, अंशू महान व विमला देवी को नोटिस जारी किया है।
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पांच प्रत्याशियों की वापस हो सकती वाहन अनुमति
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी तारिक परवेज सहित पांच उम्मीदवारों ने प्रथम लेखा परीक्षण नहीं कराया। जिलाधिकारी ने प्रथम लेखा परीक्षण न कराने के मामले में आप प्रत्याशी के साथ ही पीस पार्टी के मो.तमजीद व निर्दलीय इमामुद्दीन हुसैन, अनुराग राजपूत व मुकेश कुमार को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि 48 घंटे में लेखा परीक्षण न कराया तो वाहन पासों की अनुमति वापस ले ली जाएगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के अंर्तगत कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी।