फर्रुखाबाद : जनपद की सभी सीएचसी व पीएचसी पर मेडिकल करने की नाम पर डाक्टर मनमानी करते है और पीड़ित को लोहिया अस्पताल भेज कर अपनी जिम्मेदारियो से मुह फेर लेते है | जिससे आपातकाल के दौरान मौके पर मौजूद डाक्टर को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है | और जो पीड़ित रकम मुहैया करा देता है उसका मेडिकल उसके मन मुताविक कर दिया जाता है |
जनपद में लगभग तीन दर्जन छोटे बड़े अस्पताल है | जिसमे से अधिकतर अस्पतालों में मेडिकल कराने की सुबिधा उपलब्ध है | जिस थाना के अंतर्गत जो अस्पताल आता है, पुलिस उसी अस्पताल के लिए मेडिकल कराने के लिए लिखती है | देखा गया है की संबंधित अस्पताल मेडिकल करने में आना कानी करता है | जिससे पीड़ित या जिसे भी मेडिकल कराना होता है वह दर व दर भटकता रहता है | इधर अधिक काम के चक्कर में पड़ने से बचने के लिए लोहिया अस्पताल में डाक्टर भी मेडिकल के लिए अपने को असमर्थ बता देते है और बाद में डाक्टर में जैसे तैसें उसको सुबिधा मिल पाती है |डाक्टर मेडिकल करने के नाम पर एक हजार से लेकर दो हजार की बसूली मौका मिलने पर कर लेते है |
लोहिया के आपात कालीन बार्ड में मरीजो का अक्सर जमाबडा रहता है | एक तो मरीजो की भीड़ और ऊपर से मेडिकल कराने के लिए कई थानों से आरोपी व पीड़ित पुलिस के साथ अस्पताल पहुचाते है | और डाक्टर को मेडिकल कराने आये लोगो के कागज तैयार करने पड़ते है | जिससे कभी कभी जरुरी मरीज भी घंटो इलाज के लिए तडपता रहता है | पीएससी व सीएससी पर तैनात डाक्टर मेडिकल के नाम पर मोटी रकम की बसूली करके ही पीड़ित का मेडिकल करते है | और जो सुविधा शुल्क नही देता उसे यह कहकर टरका दिया जाता है की मेडिकल यहाँ नही होगा | जिससे लोगो का घंटो समय बर्बाद होता है |