डेस्क: अखिलेश सरकार ने चुनावी माहौल में प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों को टीईटी मेरिट पर भर्ती करने का फैसला कर वोटरों को लुभाने की कोशिश की है। इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया।
सरकार ने चुनाव आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी दे दी है। मामले में सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने विभागीय आदेश जारी कर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में जमा आवेदनों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है।
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आवेदकों पर जल्द ही फैसला
सचिव बेसिक शिक्षा के मुताबिक नवंबर 2011 में आवेदन करने वाले टीईटी पास बीएड वाले ही इस भर्ती के लिए पात्र होंगे। डायट प्राचार्यों से 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के आधार पर आवेदन करने वालों के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है। उस साल टीईटी आयोजित कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद से रिजल्ट संबंधी सभी जानकारियां मांगी गई हैं। डायट और माध्यमिक शिक्षा परिषद से जानकारियां मिलने के बाद सभी ब्यौरों को विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा।
25 जून तक पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
आवेदकों को संशोधन करने के लिए मौका भी दिया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत आदेश डायट से ब्यौरा मिलने के बाद जारी किया जाएगा। जिन्होंने आवेदन वापस लिए थे उनके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि उनसे पुन: आवेदन लिया जाए या नहीं।
भर्ती 25 जून 2014 तक पूरी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि उस समय 63 लाख आवेदन आए थे इनमें से 55 लाख को कम्प्यूटर में फीड किया जा चुका था। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी पास बीएड वालों को शिक्षक बनाने के लिए विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार को 31 मार्च 2014 तक का ही समय दिया था।
सरकार चाहती है समय सीमा बढ़ाना
राज्य सरकार एनसीटीई से समय सीमा बढ़ाने जाने का अनुरोध करने के लिए पत्र भेजने जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया शुरू करने संबंधी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बताया कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट का मामला है इसलिए चुनाव आयोग को इस पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी और भर्ती प्रक्रिया में बाधा नहीं आएगी।