जो BJP को चुनाव जिता दें वो ‘दाग’ अच्छे हैं!

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नई दिल्ली: कुछ महीने पहले बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देशभर में आम चुनाव के लिए जब हुंकार भरी तो उनका पहला नारा विकास और दूसरा नारा कांग्रेस का करप्शन था। विकास का पता तो बीजेपी सत्ता में आई तब पता चलेगा लेकिन करप्शन और दागियों पर उनका दावा जरूर अभी से झूठा पड़ता नजर आ रहा है।
BJP DAAGI
पार्टी के चुनाव मैनेजरों ने अपने नेताओं के सार्वजनिक ऐलानों के उलट सारे नियम-कायदे ताक पर रख वही काम किए जो एक पार्टी चुनाव जीतने के लिए करती है। कांग्रेस की तरह बीजेपी ने कई दागियों को अपना उम्मीदवार बनाया है। यही नहीं क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाले राज ठाकरे जिनकी पार्टी उत्तर भारतीयों के खिलाफ खुला अभियान चला चुकी है उनसे भी बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी मिलकर ‘सेटिंग’ कर आए।

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करप्शन के आरोपी

पार्टी कुछ समय पहले कर्नाटक से जिस शख्स को करप्शन के आरोपों के चलते निकाल चुकी थी वही बी एस येदियुरप्पा अब बीजेपी को आम चुनावों में तारणहार नजर आने लगे हैं। तमाम विरोधों के बावजूद उन्हें पार्टी में फिर लिया गया साथ ही उन्हें शिमोगा से टिकट भी दिया गया। पार्टी यहीं नहीं रुकी। लोकसभा में नेता विपक्ष और कुछ समय पहले तक संभावित पीएम पद की उम्मीदवार मानीं जा रहीं सुषमा स्वराज की कड़ी आपत्ति के बावजूद रेड्डी ब्रदर्स के करीबी श्रीरामुलू को बेल्लारी से पार्टी ने टिकट दे दिया।
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बीजेपी में दागी

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफोर्म (एडीआर) और नेश्नल इलेक्शन वॉच की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का खुलासा किया गया है कि कांग्रेस की दूसरी और बीजेपी की तीसरी लिस्ट में घोषित कुल 92 प्रत्याशियों में से 28 प्रत्याशियों यानी 30 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपाराधिक मामले चल रहे हैं। यहां भी बीजेपी बाकी पार्टियों की तरह ही नजर आ रही है।

बाहुबलियों का जोर

हालांकि बीजेपी हमेशा सुशासन का दावा करती रही है लेकिन पार्टी ने आम चुनावों में जो गठजोड़ किए हैं वो कुछ और ही कहानी कहते हैं। बीजेपी ने बिहार में हाल ही में राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी के गठजोड़ किया है। एलजेपी की दो सीटें बाहुबली से जुड़ी हुई हैं। इसमें से एक सीट पर बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी बीना देवी को खड़ा किया गया है जबकि वैशाली पर से बाहुबली रामा किशोर सिंह लड़ रहे हैं। स्वयं बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में विवादास्पद सच्चिदानंद हरि साक्षी को उन्नाव से टिकट दिया है। उन पर अपनी शिष्य़ा की हत्या का आरोप है।