नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची आठ मार्च और तीसरी सूची 15 मार्च को आने की उम्मीद है। चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के बाद आने वाली तीसरी सूची में पार्टी के बड़े नाम शामिल होंगे। खुद पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सीट भी तीसरी सूची में सार्वजनिक हो सकती है। उससे पहले आठ मार्च को विदिशा से सुषमा स्वराज समेत मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जैसे राज्यों से अधिकतर प्रत्याशी तय हो जाएंगे।
गौरतलब है कि भाजपा अपनी पहली सूची में 54 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। माना जा रहा था कि दूसरी सूची में अधिकतर बड़े नाम तय कर दिए जाएंगे। लेकिन सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों पर अभी और मंथन होगा। इन दोनों राज्यों में किसी स्थान पर मोदी के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जाती रही है। बताते हैं कि इन राज्यों के लिए 15 मार्च की बैठक में चर्चा होगी। उससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल की बची सीटों तथा अधूरी चर्चा में अटके उत्तराखंड के लिए प्रत्याशी तय कर दिए जाएंगे। हालांकि, उत्तराखंड पर तो चुनाव समिति की पिछली बैठक में ही चर्चा हुई थी, लेकिन कुछ कारणों से निर्णय नहीं हुआ था। जो सूची आई थी उसमें तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों का नाम था।
बताते हैं कि एक मत यह था कि बीसी खंडूरी, भगत सिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल निशंक में किसी एक को अपनी दावेदारी वापस लेकर चुनाव लड़वाना चाहिए। प. बंगाल और महाराष्ट्र से पार्टी ने 17-17 उम्मीदवार तय किए थे। अपने हिस्से की बाकी सीटों पर आठ मार्च को नाम घोषित कर सकती है। मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों में सबसे बड़ा नाम सुषमा का है और वहां की अधिकतर सीटें तय हो जाएंगी।
कल्याण सिंह बने भाजपा उपाध्यक्ष
नई दिल्ली। एक दिन पहले ही भाजपा में फिर शामिल होने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को सोमवार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने तत्काल प्रभाव से उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की।
राजनाथ सिंह ने भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की रविवार को लखनऊ में हुई रैली में कल्याण सिंह का स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी में शीघ्र ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की घोषणा की थी। कल्याण पहली बार 1999 में भाजपा से अलग हुए थे। वर्ष 2004 में वह पार्टी में वापस आए, लेकिन 2009 में उन्होंने पुन: पार्टी छोड़ दी थी। कुछ समय के लिए कल्याण ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह से हाथ मिलाया। कल्याण सिंह लोध समुदाय से हैं, जो सूबे की लगभग एक दर्जन सीटों को प्रभावित कर सकते हैं।