नक़ल विहीन परीक्षा- “बोल-बोल” कर और ब्लैकबोर्ड पर लिख कर नक़ल के लिए कोई निर्देश नहीं!

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BOARD EXAM DMफर्रुखाबाद: एक बार फिर से नक़ल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने की कवायद चालू हो गयी है| मीटिंग करने, निर्देश देने, नियामवली बनाने और संबंधित को प्राप्त कराने केलिए बैठको के दौर जारी है| जिले में लगभग एक साल से जिला विद्यालय निरीक्षक की तैनाती नहीं है| प्रभारी के तौर पर कार्यरत पुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने केंद्र व्यवस्थापको/प्रधानाचार्यो के लिए 14 बिन्दु का दिशा निर्देश जारी कर दिया है| नक़ल विहीन परीक्षा के लिए तमाम दिशा निर्देश दिए गए है मगर जनपद में प्रचलित बोल बोल कर नक़ल कराने और ब्लैक बोर्ड पर लिखकर नक़ल कराने को रोकने के लिए कोई बिंदु नहीं है| चूँकि ये बिंदु छात्र नहीं इस्तेमाल करते है| बोल बोलकर नक़ल कराने का काम केंद्र व्यवस्थापक कराता है और गुरुजी इसे अंजाम देते है और अब यही सबसे बड़ा नक़ल का माध्यम रह गया है| इस कोई रोक के लिए कोई निर्देश नहीं है|

जिलाधिकारी पवन कुमार के लिए जनपद में ये दूसरी बोर्ड परीक्षा होगी| पिछली बार की बोर्ड परीक्षा मे स्वामी आत्मदेव गोपालानंद इंटर कॉलेज के खिलाफ नक़ल संबंधित मुकदमा लिखाया गया था| इसके बाद निवर्त्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक अधिकारियो और नेताओ के निशाने पर आ गए थे और लॅपटॉप वितरण में निपट गए| हालाँकि तब खासी सख्ती वे कर सकते थे उन्होंने की थी| अबकी ये कमान भगवत पटेल के हाथ है| सत्ता की ड्योढ़ी पर हाजिरी लगाकर जिले में जिलाविद्यालय निरीक्षक का चार्ज पाने वाले ऐसे अधिकारी कितनी सख्ती नक़ल के खिलाफ कर पाएंगे ये भी गौतलब होगा| क्योंकि समाजवादी पार्टी की सरकार है और अधिकांश केन्द्रो के प्रबंधक सरकार के साथ है|

पेजर न ले जाने का निर्देश-
BOARD EXAM DM1कोई 10-15 साल पहले बनी बोर्ड परीक्षा की सख्ती की नियामवली पर जिलाधिकारी ने बैठक कर सख्ती के निर्देश जारी कर दिए है| परीक्षा केंद्र में बिना परिचय पत्र के कोई न जाने पाये| सब्जेक्ट टीचर न रहने पाये (छात्राओ के मामलो को छोड़कर)| परीक्षार्थी से लेकर परीक्षक तक मोबाइल/पेजर न जे जाने पाये| हालाँकि पेजर को बंद हुए लगभग 10 साल से ज्यादा हो चुका है| मगर पहले छपा था इसलिए आज भी निर्देशो में छप रहा है| हाँ व्यवहारिक रूप नक़ल के लिए इजाद हुई नई तकनीक “बोल बोल’ कर नक़ल कराने को रोकने के लिए कोई बात नहीं हुई| और ये कैसे रुके या इसे कैसे रोका जाए इस पर कोई चर्चा नहीं|

नक़ल की बिसात पर बिना ज्ञान के डिग्रियों के सहारे पास होने वाले छात्रो के लिए जनपद में इस साल एक दर्जन से बीए, बीएससी कॉलेज कुछ नक़ल माफियाओ ने खोल दिए है इनके लिए इस साल बच्चे चाहिए होंगे| जनपद शिक्षा के क्षेत्र में खूब तरक्की कर रहा है| पहले हाई स्कूल और इंटर पास करने के लिए पूरे देश से छात्र आते थे अब बीए, बीएससी और डॉक्टर, वकील बनने के लिए आने लगे है| अलबत्ता दो चार साल में एक दो नाम जिले से पीसीएस सलेक्शन में तो आ जाता है मगर वर्षो से कोई आईएएस या आईपीएस सलेक्ट हो गया नाम सुनने के लिए कान तरस गए| जनपद के ऐसे मदन मोहन मलवीयों को सलाम|

तो एक बार फिर से नक़ल विहीन परीक्षा होगी| ये सख्त आदेश जारी हो गए है| समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए नक़ल की व्यवस्था में कोई कमी नहीं होगी| नेता इसका यश बटोरेंगे| कमजोर वर्ग को अज्ञानी बना रहने में ही अपना भविष्य देखने वाली राजनैतिक जमात के लिए ये व्यवस्था दुरुस्त है| इसलिए चुनावी मुद्दो में शिक्षा की गुणवत्ता पर बोलने में इन सब की नानी मर जाती है| परीक्षा नक़ल विहीन होगी…..निर्देश जारी है….