बांदा: बुंदेलखंड के ताकतवर महिला संगठन गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल को तगड़ा झटका मिलने वाला है, क्योंकि दो मार्च को होने वाली आमसभा की बैठक में उनकी बर्खास्तगी का तय है। इस बैठक में संस्थापक सदस्यों के अलावा अलग संगठन बना चुकी महिलाओं को भी बुलाया गया है।
गुलाबी गैंग में छिड़ी वर्चस्व की जंग अब खुलकर सामने आ गई है, बांदा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट मांगने वालों की कतार में खड़ी गैंग की कमांडर संपत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक ने बांदा जिले के अतर्रा कस्बे में दो मार्च को आमसभा की बैठक बुलाई है, जिसमें गैंग से संपत की बर्खास्तगी होना तय माना जा रहा है। अगर बर्खास्तगी हुई तो कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीदों पर भी पानी फिर सकता है।
ऐसी खबर है कि इस संगठन में काफी अरसे से बगावत चल रही थी, लेकिन महिलाओं ने संपत का विरोध करने के बजाय अलग संगठन बनाना शुरू कर दिया था। यहां तक तो ठीक था, लेकिन जब शनिवार को संपत ने कांग्रेस कार्यालय लखनऊ में अपने ही राष्ट्रीय संयोजक जयप्रकाश शिवहरे (बाबू जी) को जान से मरवाने की धमकी दी और धक्का देकर बाहर करवा दिया तो मामला ज्यादा बिगड़ गया।
महिलाओं ने गैंग में ही रह कर संपत को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है। संगठन के संयोजक जयप्रकाश बताते हैं, “आगामी दो मार्च को अतर्रा कस्बे के धार्मिक स्थल गौराबाबा धाम में आंतरिक लोकतंत्र बहाल करने के लिए आमसभा की बैठक आहूत की गई है, इस बैठक में संस्थापक सदस्यों, सभी जिला कमांडरों और अलग संगठन बना चुकीं महिलाओं को भी बुलाया गया है।”
वह बताते हैं कि अगर संपत ने अपने किए पर सार्वजनिक माफी नहीं मांगी और गैंग के नाम पर मिले करीब डेढ़ करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया तो गैंग से उनकी बर्खास्तगी कर नए कमांडर को कमान सौंप दी जाएगी।
बांदा जिला इकाई की कमांडर मिट्ठू देवी पहले ही संपत के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर चुकी हैं। मिट्टू ने कहा, “संपत टीम को गुलाम बनाकर चलाना चाहती हैं, जो संभव नहीं है। वह यह भी कहती हैं कि यदि कांग्रेस ने संपत को लोकसभा चुनाव लड़ाया तो कांग्रेस का खुलकर विरोध किया जाएगा।”
कुल मिलाकर संपत के सामने दोहरी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, जहां एक ओर गैंग से बर्खास्तगी का खतरा मंड़रा रहा है, वहीं बर्खास्तगी की दशा में कांग्रेस भी पल्ला झाड़ सकती है। क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुलाबी गैंग की ताकत भांप कर ही विधानसभा चुनाव में मऊ-मानिकपुर सीट से संपत को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।