फर्रुखाबाद: लालगेट के व्यस्ततम चौराहे पर ट्राफिक पुलिस और उसके मुखिया मुख्य रूप से ट्राफिक सम्भालने की जगह डग्गामार वाहनो, टैक्सी चालको और लोडर आदि में कोई जानवर लाड कर जाता दिख जाए तो उससे वसूली करने में जुटे रहते है| वैसे इन द्रश्यो के लिए किसी भी सबूत की जरुरत नहीं है| आम जनता ये दर्शन कभी भी इस चौराहे पर कर सकती है| और कभी टैक्सी चालक ने पैसे नहीं चुकाए तो अधमरा भी किया जा सकता है| मगर इसे रोकने वाला कोई नहीं| कप्तान से लेकर सिपाही तक जहाँ से कण्ट्रोल होते है वहां से ऐसा करने की खुली छूट मिली हुई है| जनता पिस रही है| रो रही है|
मंगलवार दोपहर बाद ट्राफिक इंचार्ज आशीष पाण्डेय की मौजूदगी में ट्राफिक के सिपाही ने टैक्सी चालक के आगे हाथ बढ़ाया| टैक्सी चालक ने कहा कि अभी अभी टैक्सी निकली है अभी तो बोहनी भी नहीं हुई है| फिर क्या था सिपाही ने तपाक से टैक्सी चालक से कहा कि कागज निकाल कर लाओ साहब मगा रहे है| वसूली से इनकार करने पर साहब कागज मांगने लगते है| टैक्सी चालक ने कागज नहीं निकाले तो बेचारा लात घूसों की जद में आ गया| जनता ने पिटता देखा तो कुछ लोगो ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा दिए| पासा उल्टा पड़ता देख सिपाही ने तत्काल कोतवाल को बुला लिया| कोतवाल साहब आ गए और फिर टैक्सी चालक को भगा दिया| कुल मिलाकर जिसे रोज टैक्सी इन पुलिस वालो के बीच चलानी है वो विरोध तो नहीं कर सकता सिर्फ पिट सकता है|
टैक्सी चालक चला गया, भीड़ भी चली गयी मगर पीछे एक सवाल छोड़ गयी- “क्या जनता सरकारे सिर्फ पिटने के लिए चुनती है”|
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