फर्रुखाबाद: दो साल में जूनून और जोश दोनों ठन्डे पड़ते दिखायी पड़ रहे है| बुनियादी फर्क भी हो गया है 2013 में विपक्ष से सत्ता हथियानी थी और 2014 में जीती हुई सत्ता बचानी है| राजनैतिक विश्लेषक मानते है कि जोश किसी से सत्ता हथियाने में ज्यादा होता है| समाजवादी पार्टी इन दिनों लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे प्रदेश में गाओं से कस्बो तक साइकिल यात्रा निकाल रही है| मगर जो जोश जूनून और भीड़ 2012 में जुटती थी अब वो बात नहीं दिखायी पड़ रही| 2012 कुछ पुरानी तस्वीरे इस बात की गवाही दे रही है| इस बार की साइकिल रैली में कार्यकर्ताओ और आम जनता की जगह पदाधिकारियो के चेहरे ज्यादा नजर आ रहे है|
बुधवार को कमालगंज क्षेत्र यानि भोजपुर विधानसभा में साइकिल यात्रा का आयोजन किया गया था| बमुश्किल 100 साइकिल जुटानी मुश्किल पड़ गयी| सत्ता समाजवादियो की, प्रधान से लेकर कोटेदार भी बसपाई से सपाई कर लिए गए मगर भीड़ 2012 जैसी नहीं जुट रही| नगर क्षेत्र में शुक्रवार को साइकिल यात्रा का आयोजन डॉ जितेन्द्र यादव के नेतृत्व में किया गया| आवास विकास स्थित लोहिया की प्रतिमा से शुरू होकर जलूस की शक्ल में साइकिल यात्रा फतेहगढ़ चौराहे, जिला जेल, सेंट्रल जेल होते हुए बघार स्थित मेडिकल कॉलेज पर ख़त्म हो गयी| साइकिल यात्रा में जिला महासचिव सुरेन्द्र सिंह गौर, जिला सचिव प्रदीप यादव टीटू, पुष्पेन्द्र यादव आदि सपा नेता और पदाधिकारी इस साइकिल यात्रा की अगुआई कर रहे थे| इससे पहले कायमगंज में भी साइकिल चल चुकी है|
यात्राओ का एक मतलब मुलायम सिंह के लिए होता है| जमीनी जुड़ाव| 2012 में चुनाव अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ा जा रहा था| युवाओ में खास जोश देखने को मिल रहा था| बसपा की सरकार से बदलाव भी जनता चाहती थी| भीड़ उमड़ती थी| भोजपुर में सपा प्रत्याशी जमालुद्दीन सिद्दीकी के दोनों युवा पुत्र अरशद, राशिद जमाल सिद्दीकी और नरेंद्र सिंह यादव के युवा पुत्र सचिन यादव मिलकर चुनाव अपने अपने पिता को लड़ा रहे थे| भोजपुर, नवगंज से लेकर अमृतपुर और कायमगंज में साइकिल यात्रा तब भी निकली थी| देहात में 1-1 किलोमीटर लम्बा काफिला देखने को मिल रहा था| जो अब केवल रस्म अदायगी सा दिखता है| वैसे राजनैतिक स्थितिया भी बदली है| अब लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में सत्ता करते हुए 2 साल का हिसाब भी जनता लगाने लगी है| इन सब के बीच एक और चित्र इनसबके बीच उभरता है वो है लोकसभा चुनाव में सपा दो ध्रुवो में बटी हुई है| 26 जनवरी 2014 को जब राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह यादव फतेहगढ़ के पुलिस लाइन में परेड की सलामी ले रहे थे उसी समय उनका पुत्र और समाजवादी पार्टी का पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सचिन यादव राजेंद्र नगर में सभा कर रहे थे| गणतंत्र दिवस के समारोह का आयोजन वहाँ भी किया गया| एक तस्वीर जो सचिन और नरेंद्र सिंह यादव की राजनैतिक हैसियत और उनके प्रति समर्पित कार्यकर्ताओ को इंगित कर रही है| कई तस्वीरे एक साथ कई बाते कह रही है| 2012 में डॉ जितेन्द्र यादव ने राष्ट्रीय जन क्रांति पार्टी से चुनाव लड़ा और दोनों हाथो से पैसा लुटाया मगर नरेंद्र सिंह यादव के मुकाबले हार गए| दो यादव लड़ने के बाबजूद तीसरा नहीं जीत सका| उस वक़्त भी भीड़ होती थी| दोनों प्रत्याशियो के लिए भीड़ उमड़ती देखी गयी थी| चाहे साइकिल रैली हो या मोटर साइकिल जलूस उत्साह दिखता था| मगर 2014 में कार्यकर्ताओ में 2012 वाला जोश नहीं दिख रहा| साइकिल का पहिया