दिल्ली: 5 फरवरी से शुरू हो रहा संसद सत्र, मौजूदा लोकसभा का आखिरी सत्र होगा। सरकार इस सत्र में भ्रष्टाचार रोकने से जुड़े कई लंबित बिलों को पास कराने की जुगत में है। हालांकि तेलंगाना विधेयक और आगस्टा वेस्टलेंड हेलीकॉप्टर डील को लेकर विपक्ष हमलावर होने के मूड में है।
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बुधवार से शुरू हो रहा संसद का आगामी सत्र सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां लेकर आ रहा है। सरकार की कोशिश है कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए तैयार किए गए 6 महत्वपूर्ण विधेयकों को इसी सत्र में पास कराया जाए। लोकपाल के बाद इन बिलों को भी पास करा के सरकार ये संदेश देना चाहती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उसका रुख सख्त है। सोमवार सुबह, संसद भवन परिसर में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी दलों से संसद को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग मांगा। हालांकि सरकार को मालूम है कि विपक्ष के तीखे तेवर उसके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। यही कारण है कि सरकार ने मीडिया के सामने आकर आरोप लगाया कि विपक्ष का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।
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कांग्रेस ये भी संदेश देना चाहती है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर ये भ्रष्टाचार विरोधी बिल नहीं लाए जा रहे हैं, बल्कि पार्टी अपने स्तर पर इन्हें पास कराना चाहती है। जाहिर है, विपक्ष के लिए सरकार की इस दलील को स्वीकार कर पाना मुश्किल होगा। वो सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। तेलंगाना का मसला भी सरकार के लिए इस सत्र में परेशानी का सबब बन सकता है। खुद कांग्रेस की आंध्र प्रदेश सरकार ने तेलंगाना का प्रस्ताव खारिज कर, सरकार के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। वहीं, बीजेपी ने भी ये साफ कर दिया है कि ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर वो सरकार से जवाब मांगेगी।
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उधर, देर शाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर, बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी हुई। इसमें सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार किया गया। इसके अलावा जिस तरह से गैर-कांग्रेस और गैर-बीजेपी दल लामबंद हो रहे हैं, वो भी सत्र के दौरान सरकार की मुसीबत बढ़ा सकता है।