आरोप: घोटाला करने के लिए रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं करता अल्पसंख्यक अधिकारी

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Minority-Officer-Farrukhabaफर्रुखाबाद: पहले से ही जिले में फर्जी मदरसों को संचालित कराने में मदद करने और उनको अनुदान बाटने के आरोपों से घिरा अल्पसंख्यक विभाग एक बार फिर आरोपों की सुर्खियों में आ गया है| आरोप है कि अल्पसंख्यक आधिकारी सरकारी अनुदान प्राप्त करने वालो का डाटा ऑनलाइन (इन्टरनेट वेबसाइट पर प्रकाशन) नहीं करता| ताकि किसी भी घोटाला करने की जांचा जनता न कर पाए| वहीँ अल्पसंख्यक अधिकारी का कहना है कि उन्हें समय नहीं मिल पाया| वहीँ एक बार फिर से “हमारी बेटी उसका कल” योजना में धांधलगर्दी की शिकायते लेकर लड़कियां मुख्यालय पहुची| ज्ञात हो की इससे पहले भी इस योजना में चेके वितरण में पैसा वसूलने के आरोप लगे थे|

‘हमारी बेटी उसका कल’ योजना के अनुदान वितरण में धांधली का आरोप लगाकर सोमवार को छात्राओं ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को घेरकर हंगामा किया। छात्राओं का दिन भर कलेक्ट्रेट व विकास भवन में जमावड़ा लगा रहा।

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हमारी बेटी उसका कल योजना में बीस हजार के अनुदान के लिए पांच-पांच हजार रुपये की वसूली कर अपात्रों का चयन कराने का खेल अब सामने आने लगा है। कलेक्ट्रेट में शिकायत करने आयी छात्राओं ने बीए-एमए पास विवाहित महिलाओं को अनुदान दिए जाने के आरोप लगाये।
विवाहितो को मिले चेक, तीन मदरसों के बच्चो को सर्वाधिक लाभ-
डीएम से शिकायत करने आईं मदरसा एहसनुल उलूम की मुबीना, जैनब, सितारा, गजाला, शाहना, नूरी, फरीन, शाहिन, इरम सबा, मरजीना, मन्तशा आदि दर्जनों छात्राओं ने कलेक्ट्रेट में पत्रकारों को बताया कि मदरसे से रुपयों की मांग की गयी। रुपये न दे पाने के कारण उनको रोज मदरसे जाने के बावजूद अनुपस्थित दिखा कर अपात्र करा दिया गया। छात्राओं के साथ आये अभिभावकों ने अन्य मदरसों में भी यही प्रक्रिया अपनाये जाने की पुष्टि की। मदरसा संचालकों की अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मिलीभगत के चलते कई ऐसी छात्राओं को अनुदान दिए जाने की भी जानकारी दी गयी जो बीए या एमए पास हैं। अनेक विवाहित महिलाओं को भी अनुदान दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। अनुदान हेतु पात्र दर्शाई गईं 1 हजार 968 में से लगभग डेढ़ हजार छात्रायें तीन मदरसों की हैं।
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शेखपुर स्थित मदरसा अहसनी महमूदी के संचालक मकसूद अहसन उर्फ मन्नू मियां ने बताया कि वसूली के आरोप निराधार हैं। एक फर्जी मदरसे के संचालक ने उनके मदरसे में 53 छात्राओं का दाखिला कराया था। जिनकी मात्र नौ सौ रुपये फीस जमा की गयी, जबकि छात्राओं से 5-6 हजार रुपये लिए गए। मैने सभी बच्चियों की 48 हजार रुपये फीस वापस कर दी है।

शेखपुर के ही एक अन्य मदरसा गुलशने मखदूम के संचालक अजीजुल हक गालिब मिया ने भी वसूली के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के आदेश पर स्कूल न आने वाली छात्राओं को अनुपस्थित दर्शाया गया है। ग्राम कमालपुर स्थित जेके मेमोरियल मदरसे के संचालक डा. जैनुद्दीन ने बताया कि 466 में से स्कूल न आने वाली 31 छात्राओं को ही अनुपस्थित दिखाया गया है। किसी से पैसा नहीं लिया गया
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दो दिन पूर्व हुए अनुदान वितरण में लाभार्थियों के चयन में धांधली का आरोप लगा रही अल्पसंख्यक छात्राओं की भीड़ दिन भर कलेक्ट्रेट और विकास भवन में लगी रही। छात्राओं व उनके अभिभावकों ने विकास भवन में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिलीप कटियार का घेराव कर हंगामा किया। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने दोबारा शपथ-पत्र देने और बाद में बजट मिलने पर विचार करने जैसे आश्वासन भी दिये। सैकड़ों की संख्या में आयी छात्राओं के सवालों के सामने कुछ देर रुककर वह कार्यालय से खिसक लिए। उनके जाने के बावजूद छात्राएं विकास भवन में जमी रहीं। दर्जनों छात्राएं डीएम से शिकायत करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचीं, लेकिन कलेक्ट्रेट में शिकायत सुनने के लिए कोई अधिकारी न मिलने से छात्राएं मायूस होकर लौट गयीं।

वेबसाइट पर विवरण उपलब्ध नहीं

फर्रुखाबाद : जिलाधिकारी पवन कुमार के आदेश के बावजूद एनआईसी की वेबसाइट पर योजना के अंतर्गत अनुदान पाने वाली व अपात्र घोषित छात्राओं का विवरण उपलब्ध न होने के कारण भ्रम की स्थिति बनी रही। विभाग की ओर से विकास भवन की बाहरी दीवार पर एक सूची अपात्र छात्राओं की लगाई गयी थी, जिसके कई पन्नों को लोगों ने कुछ ही देर में फाड़ दिया। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिलीप कटियार ने बताया कि समय न मिल पाने के कारण विवरण वेबसाइट पर नहीं डाला जा सका है। डीएम के आदेश का अनुपालन शीघ्र कराया जाएगा।