दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने धरने के बारे में एक और बयान देकर तहलका मचा दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के राजपथ को देश की जनता से भर देंगे. उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह भी नहीं होने देंगे|
दिल्ली पुलिस के तीन अफसरों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रेल भवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. रेल भवन के बाहर ही उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए इकट्ठा हुए हैं. अगर कहीं रेप होता है तो वहां के पुलिस अफसरों की जवाबदेही होनी चाहिए. उन्होंने ऐलान किया कि हम 10 दिनों तक अपना धरना जारी रखेंगे और अगर कहीं कोई संवैधानिक संकट पैदा होता है तो उसकी जिम्मेदारी खुद केंद्र सरकार होगी. केजरीवाल ने कहा कि 10 दिनों तक धरने की जगह से दिल्ली सरकार चलेगी और सभी फैसले यहीं से लिए जाएंगे|
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लेकिन बताया जा रहा है कि केजरीवाल 10 दिनों तक रेल भवन के पास धरना नहीं दे पाएंगे. दिल्ली पुलिस ने उन्हें धरना रेल भवन से हटाकर जंतर मंतर ले जाने को कहा है. दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी के मद्देनजर सुरक्षा का हवाला दिया है. पुलिस को रेल भवन के पास का इलाका सुरक्षा जांच के लिए चाहिए. 21 जनवरी से 29 जनवरी तक रेल भवन के आसपास का इलाका सेना के पास रहेगा. ऐसे में केजरीवाल को धरने के लिए दूसरी जगह पर जाना होगा|
केजरीवाल ने कहा, ‘रेप की घटना के बाद बीट कांस्टेबल और संबंधित थाने के एसएचओ को सस्पेंड करना चाहिए. हमने पुलिस कमिश्नर और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर उस इलाके के एसएचओ को सस्पेंड करने की मांग की जहां विदेशी महिला से रेप हुआ था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया|
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उन्होंने कहा, ‘सागरपुर में एक महिला को उसके ससुराल वालों ने जिंदा जला दिया. वह घटना से पहले हमारी मंत्री राखी बिड़ला के पास आई थीं. राखी ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी उस महिला को सुरक्षा देने की मांग भी की थी. लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस ने केवल सुसर को गिरफ्तार किया. जबकि ससुराल के अन्य लोगों को नहीं|
उन्होंने कहा, ‘मालवीय नगर में खिड़की एक्सटेंशन इलाके में ड्रग रैकेट और सेक्स रैकट चल रहा है. हमारे मंत्री की शिकायत के बाद भी वहां से एसएचओ ने रेड नहीं की और अपराधियों को पकड़ने से मना कर दिया. उस एसएचओ को भी सस्पेंड करना चाहिए.
भारी हंगामे के बाद रेल भवन के बाहर धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोगों का कहना है कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती को खिड़की एक्सटेंशन में रेड के लिए नहीं जाना चाहिए था. क्या उन्हें घर में रजाई में सोना चाहिए था.’
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उन्होंने कहा, ‘युगांडा हाई कमिशन की एक महिला ने सोमनाथ भारती से मिलकर उनके कदम की तारीफ की और बताया कि युगांडा से काफी महिलाओं को भारत लाकर जबरन वेश्यावृति के काम में धकेला जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि हम लोग ऐसी महिला के लिए ही इंसाफ की मांग कर रहे हैं. मुझे पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि ये धरना-प्रदर्शन मुझे शोभा नहीं देता. लेकिन मैं पूछता हूं कि क्या मुझे और मेरे मंत्रियों को घर में दुबक कर रजाई में छुपकर बैठ जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ऑटोवालों और पटरी लगाने वाले लोगों से वसूली करती है. वह महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है. दिल्ली की सारी जनता को यहां इकट्ठा होना चाहिए.’
गृह मंत्रालय के बाहर थी धरने की योजना
केजरीवाल की योजना गृह मंत्रालय के बाहर धरना देने की थी. लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली. उनके काफिले को रेल भवन पर ही रोक लिया गया. भारी हंगामे के बीच वह अपने मंत्रियों, पार्टी के विधायकों और समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए. केजरीवाल सुशील कुमार शिंदे से उन तीन पुलिस अफसरों को सस्पेंड की मांग कर रहे हैं जिन्होंने उनके दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़ला के साथ बहस की थी|
धारा 144 लागू
धरने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने शिंदे के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है. नई दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. सुबह 9 बजे से 1 बजे तक चार मेट्रो स्टेशनों (केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, रेस कोर्स, उद्योग भवन) को भी बंद रखा गया. दिल्ली पुलिस ने यह कदम गणतंत्र दिवस के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उठाए. हांलाकि 26 जनवरी में अभी छह दिन बाकी हैं|