जंगलराज! विधायक की कंपनी को बंटे अरबों के ठेके

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politicsलखनऊ: बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा विधायक उमा शंकर सिंह की फर्म छात्र शक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से पिछले चार वर्षों में 1410 करोड़ रुपये के ठेके आवंटित किए गए हैं। प्रदेश में सत्ता बदलने के बावजूद पीडब्ल्यूडी में बसपा नेता का सिक्का चल रहा है। विधायक बनने के बाद भी उन्हें ठेके आवंटित किए जाते रहे।

लोकायुक्त से शिकायत होने के बाद उमा शंकर सिंह ने फर्म से खुद को अलग तो कर लिया है लेकिन फर्म के बैंक खाते का संचालन अभी उन्हीं के हाथ में है। पीडब्ल्यूडी के ठेकों में विधायक के दबदबे का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि फर्म का पंजीकरण समाप्त हो जाने के बाद भी धड़ल्ले से ठेके आवंटित किए जाते रहे।

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इसका खुलासा लोकायुक्त की जांच में हुआ है। लोकायुक्त ठेकों के आवंटन को लेकर पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजी गई रिपोर्ट की छानबीन कर रहे हैं। इस मामले में उमा शंकर सिंह को बुधवार को लोकायुक्त के समक्ष जवाब भी दाखिल करना है। न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने विधायक को नोटिस जारी करने के साथ ठेकों का ब्यौरा तलब किया था।
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पहले तो पीडब्ल्यूडी के अफसर कन्नी काटते रहे लेकिन लोकायुक्त के कड़े रुख के बाद फर्म को आवंटित ठेकों का ब्यौरा भेजा गया है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार मायावती सरकार में तो उमाशंकर को खूब ठेके मिले ही, सपा के डेढ़ साल के शासनकाल में भी 20 ठेके मिल गए।

रिपोर्ट में 2009 से दिसंबर 2013 के बीच छात्र शक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगभग 1410 करोड़ रुपये के ठेके आवंटित किए जाने खुलासा हुआ है। यही नहीं जुलाई 2012 से फरवरी 2013 के बीच बिना पंजीकरण के ही इस फर्म को ठेके आवंटित किए जाने की जानकारी भी मिली है।

इसके बाद फर्म का पंजीकरण तीन महीने के लिए अस्थायी रूप से बढ़ाया गया। अगस्त 2013 में पंजीकरण का तीन साल के लिए नवीनीकरण किया गया है।
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अभी तक की जांच में यह भी पता चला है कि छात्र शक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म का बैंक अकाउंट उमा शंकर और उनकी पत्नी के नाम है और यही दोनों इसका संचालन करते हैं। इनके बैंक खाते से हुए लेन-देन का ब्यौरा भी मंगाया गया है। लोकायुक्त की ओर से जारी नोटिस पर उमाशंकर को बुधवार को जवाब देना है। इसके बाद आगे की कार्यवाही का निर्णय होगा।

‘उमाशंकर सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच चल रही है। पीडब्ल्यूडी से उनकी फर्म को आवंटित ठेकों का ब्यौरा मांगा था।

विभाग की ओर से 2009 से 2013 के बीच फर्म को लगभग 1410 करोड़ रुपये के ठेके दिए जाने की रिपोर्ट भेजी गई है। इसका परीक्षण किया जा रहा है।