फर्रुखाबाद। नवनियुक्त जेल विजिटर पुष्पेन्द्र यादव ने शुक्रवार को केंद्रीय कारागार पहुंच कर निरीक्षण किया। इससे पहले मुख्यद्वार पर मौजूद जवानों ने जेल विजिटर को गार्ड आॅफ आॅनर दिया। जेल विजिटर बनने के बाद अपनी पहली जेल विजिट में पुष्पेन्द्र यादव को खामिया ही खामिया मिली| उन्होंने बताया कि वह जल्द ही उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाएंगे। वहीं डिप्टी जेलर ने बताया कि जेल में क्षमता से अधिक कैदी निरुद्ध चल रहे हैं।
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शनिवार को शासन की ओर से नियुक्त किए गए जेल विजिटर ने पार्टी के चुनाव चिन्ह वाली साइकिल पर सवार होकर कारागार पहुंच गए। मुख्यद्वार खुलते ही साइकिल अंदर चली गई। जब वह बैरकों का निरीक्षण करने पहुंचे वृद्ध कैदी को पता चला कि जेल विजिटर मिलने आए और वह फफक कर रो पड़े और अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि हम लोगों को 25-30 वर्ष हो गए हैं लेकिन रिहाई नहीं की गई। उनका दुख देख जेल विजिटर भी भावुक हो गए।
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इस दौरान कैदियों ने बताया कि नेता मुलायम सिंह एक बार जेल में मिलने आए थे तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि जब भी प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी तो हम अवश्य ही तुम लोगों की रिहाई कराएंगे जब सरकार बन गई तो अभी तक सुध नहीं ली। इस पर पुष्पेन्द्र ने उन्होंने भरोसा दिया कि आने वाली 18 तारीख को मुख्यमंत्री जनपद में आ रहे हैं उनके सामने समस्या रखकर रिहाई कराने का प्रयास करेंगे। कुछ कैदियों ने बताया कि पीने को चाय व ओढ़ने के लिए कंबल नहीं दिए गए जब डिप्टी जेलर से उन्होंने पूछा तो बताया कि 1000 हजार कंबलों का डिमांड शासन को भेजा गया है मिलते ही बैरकों में कैदियों को दे दिए जाएंगे।
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जेल प्रशासन ने बताया कि एक कैदी को 16 रोटी, चाय, दाल, सब्जी आदि उपलब्ध कराई जा रही है। इसकी पुष्टि करने के लिए जेल विजिटर ने कैदियों से पूछा तो डिप्टी जेलर के दबाव में आकर कैदी ना-नुकुर करते देखे गए। इस पर उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला दौड़ा है। अगली बार बिना किसी को जानकारी दिए निरीक्षण करेंगे और कमी पाए जाने पर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजूंगा। सिद्धांतों से समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार द्वारा दी जा रही सभी सुविधाएं कैदियों को मिलनी चाहिए। दो घंटे के पश्चात वह जेल से बाहर आए तो पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि बहुत सी बातें बताने की नहीं है लेकिन सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे। इस दौरान डिप्टी जेलर ने बताया कि 1600 कैदी क्षमता वाली जेल में इस समय 2200 कैदी निरुद्ध चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 217 कर्मचारियों की जगह मात्र 100 कर्मचारी है। जिसमें 12 डिप्टी जेलर होना चाहिए लेकिन तीन ही कार्यरत हैं उनका भी कई महीने पहले स्थानांतरण आदेश आ चुका है मगर कोई भी रिलीव नहीं हुआ। कई बार शासन को लिखा गया लेकिन अभी तक ध्यान नहीं दिया गया जिसके चलते असुविधा हो रही है।