फर्रुखाबाद: ठण्ड का असर तहसील दिवसों में भी दिखा| हाड कप देने वाली ठण्ड में हुक्मरान और फरियादी दोनों देर से निकले| कुछ पहले पहुचे हुक्मरान फरियादियो का इन्तजार करते दिखे| फरियादी लगभग 1 बजे के आसपास कुछ की संख्या में दिखाई पड़े| अन्दर फ़रियाद पूरी हो न हो तहसील परिसर ने तहसीलदार राजेंद्र चौधरी ने अलाव जलाकर सर्दी दूर करने का इंतजाम किया हुआ था| फरियादी पहले हाथ सकते फिर अन्दर जाते| अधिकतर शिकायते राजस्व विभाग की थी| नगर से लेकर गाँव गलियारों में अवैध कब्जो की शिकायते अधिक थी| सर्दी में मुफ्त बटने वाले कंबलों की आस में कुछ पचास एक महिलाये साहब से फरियाद और शिकायत करने तो पहुची मगर तहसीलदार और एसडीएम राकेश कुमार भी सीधा सीधा कुछ भला नहीं कर सके|
कम्बलों पर तहसीलदार ने बताया कि सरकारी कम्बल बटने का एक तरीका होता है| नगरपालिका और ग्राम पंचायत से सूची बनकर आती है उसी आधार पर कम्बल बाटने के लिए तहसील से दिए जाते है| ये सूची बनाने का काम नगरपालिका में वार्ड मेंबर करते है और ग्राम पंचायत में प्रधान और ग्राम सचिव करते है| तहसील से सीधे कम्बल बटने का कोई प्राविधान नहीं है| लाचारी बताकर तहसीलदार ने जैसे तैसे कम्बल के चाहने वालो से पीछा छुड़ाया| अन्य फरियादी गाँव में पट्टे की जमीन पर अवैध कब्ज़ा, चकरोड पर कब्ज़ा, गली में कब्ज़ा और विरासत की रिपोर्ट नहीं लगने जैसी समस्या लेकर आये| फ़रियाद जमाकर लौट गए|
समस्याओ और उनके वर्तमान समाधान के तरीको प कुछ पंक्तिया-
गनीमत है गनीमत है,
अभी वह आठ का है, बीड़ी की उसे लत है|
गनीमत है
उसे जब रोटियों की लत पड़े तब देखना चाचा|
अंधेरगर्दी है,
बात बस उन आठ वर्षो की नहीं है,
ये समूची सदी ही विक्षिप्त है,
है उस्तरो की धार पर जनतंत्र की मूछे,
लेखनी की अब जमानत जब्त है|
बहुत सर्दी है, मुह की भाप से हाथ मत सेको,
इधर देखो-
15 वर्ष के बाद उसके ह्रदय की विक्षिप्त गर्मी,
किसी छप्पर में लगाएगी आग
तब हाथ सेकना चाचा..
अभी वो आठ का है बीड़ी की उसे लत है,
गनीमत है गनीमत है|
उसे जब रोटियों की लत पड़े तब देखना चाचा|
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