SDM ने दी हलफनामा लेकर चरागाह में शव दफ़नाने की अनुमति

Uncategorized

फर्रुखाबाद: (शमसाबाद)- चरागाह की जमीन पर शव दफनाने को को लेकर उठे विवाद और तनाव के बीच एसडीएम कायमगंज ने १० रुपये के स्टाम्प पर हलफनामा लेकर शव दफ़नाने की अनुमति दे दी| इससे दोनों पक्षो में समझौते की स्थिति तो बन गयी मगर गाव में कब्रगाह होते हुए भी सरकारी चरागाह की भूमि पर शव दफ़नाने की अनुमति दें के फैसले पर सवाल उठने लगे है|
Lateefpur Shamsabad Farrukhabad
शमसाबाद कसबे के मोहल्ला सैयदवाड़ा निवासी कासिम की पत्नी रूबी की शुक्रवार रात नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान मृत्यु को गयी थी| शव को दफ़नाने के लिए रूबी के परिजनो ने लतीफपुर में कब्र खोदी| गाव में जिस जमीन पर कब्र खोदी गयी उस जमीन पर पहले भी कब्जे को लेकर विवाद हो चुका था| प्रधान कुंवरजीत और उसके समर्थको ने खोदी जा रही कब्र के स्थान को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया| प्रधान का कहना है कि ये जमीन ग्राम समाज में चरागाह के रूप में दर्ज है| मौके पर दोनों पक्ष भिड़ गए|

इसके बाद मामले की सूचना शमसाबाद पुलिस को दी गयी| मौकेपर पहुची पुलिस भी मामला राजस्व अभिलेखो का होने के कारण विवाद नहीं सुलझा सकी तो थानाध्यक्ष ने एसडीएम कायमगंज को सूचना दी| मौके पर पहुचे एसडीएम ने दोनों पक्षो की बात सुनी| ग्राम प्रधान और उनके समर्थक शव को चरागाह की जमीन पर दफ़नाने को राजी नहीं हुए| वहीँ रूबी के परिजन ये दावा कर रहे थे उनके परिवार की अन्य कब्रे भी यही है और एक बार कब्र खुद जाने के बाद दूसरी कब्र नहीं खोदी जाती|

दोनों पक्षो से अधिकारियो ने कई दौर के वार्ता की और समझौते का रास्ता निकलते हुए तय किया कि इस कब्र के बाद भविष्य में कोई अन्य कब्र इस भूमि पर नहीं गाड़ी जायेगी| साथ ही चरागाह से लगी कब्रिस्तान की जमीन पर खड़ी फसल को एक सप्ताह में साफ़ कर कब्रिस्तान खाली करा दिया जाएगा| इसके बाद एस डी एम कायमगंज ने दोनों पक्षो से 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर बने हलफनामे पर लिखवाया कि इसके बाद कोई कब्र इस भूमि पर नहीं बनेगी| मामले के निपट जाने के बाद प्रधान कुंवरजीत ने रोष जताते हुए पूरे मामले को न्यायालय जाने की मंशा जतायी| बताया जा रहा है कि लेखपाल ने चरागाह की भूमि को बिना किसी बड़े अधिकारी आदेश के कब्रिस्तान की भूमि में दर्ज कर दिया| इस मामले की भी जाँच एसडीएम ने करवाने की स्वीकारी|