FARRUKHABAD: सुप्रीम कोर्ट/मेडिकल प्रैक्टिशनर की गाइडलाइन्स के मुताबिक लापरवाही से हुई मौत में डॉक्टर की कितनी जिम्मेदारी है इस बात को तय करने से पहले उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता| इलाज के दौरान हुई मौत में डॉक्टर की लापरवाही है या नहीं ये जानने के लिए विशेषज्ञ की राय लिया जाना बहुत जरुरी है| बीते दिनों कांग्रेस के नेता के पुत्रवधु के गर्भ में हुई बच्चे की मौत मामले में विवेचक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से डॉक्टर की लापरवाही हुई या नहीं इस पर विवेचक सुबोध उपाध्याय ने राय मांगी है|
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र नाथ कटियार की पुत्रवधू के शिशु की गर्भ में मौत हो जाने के बाद प्रसूता के पति द्वारा शहर कोतवाली में सिटी अस्पताल के चिकित्सक डा0 विपुल अग्रवाल व उनकी पत्नी सहित पांच पर गैर इरादतन हत्या का मामला पंजीकृत किया गया था।
उस रात कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्रनाथ कटियार के पुत्र विजय कटियार ने प्रसव पीड़ा के चलते अपनी पत्नी को रात तकरीबन 12 बजे सिटी अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन चिकित्सकों ने प्रसव का समय निकट न होने की बजह से उन्हें वापस कर दिया था। रात में पुनः तबियत बिगड़ने पर जब वह अपनी पत्नी को लेकर सिटी अस्पताल पहुंचे तब तक दो बज चुके थे। सूचना देने के बाद भी चिकित्सक डा0 सिम्मी अग्रवाल प्रातः साढ़े पांच बजे सिटी अस्पताल पहुंची। तब तक गर्भ में ही शिशु की मौत हो चुकी थी।
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पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद कार्यवाही के निर्देश शहर कोतवाली पुलिस को दिये गये थे। उसके बाद पुलिस ने राजेन्द्र नाथ कटियार के पुत्र विजय कटियार की तहरीर पर सिटी अस्पताल के चिकित्सक डा0 सिम्मी अग्रवाल, उनके पति डा0 विपुल अग्रवाल सहित स्टाफ नर्स सुनीता, संगीता, रत्नेश और कुलदीप के खिलाफ धारा 304 गैर इरादतन हत्या में मामला पंजीकृत किया था।
इसके बाद दफ़न शव को दुबारा निकाल पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया गया था| मामले की विवेचना कोतवाली फर्रुखाबाद द्वारकी जारही है|