गुजरात जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग बनाएगा केंद्र

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modi-in-kanpur2नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने गुजरात में एक महिला की जासूसी कराने के मुद्दे की जांच के लिए आयोग गठित करने को मंजूरी दे दी है। बीजेपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को संविधान का उल्लंघन करार दिया है क्योंकि उसके मुताबिक ये मामला राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है।

केंद्र सरकार के फैसले पर बीजेपी भड़क गई है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि जांच होने दीजिए तथ्य सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा मोदी को घेरने में लगी रहती है इसलिए इस फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संविधान के संघीय ढांचे पर हमला किया है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने ट्वीट किया कि कैबिनेट का निर्णय संघीय ढांचे पर हमला है और कोर्ट में इसे चुनौती दी जाएगी। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस के इस रुख से हैरान नहीं है। जिस मामले की जांच पहले से एक आयोग कर रहा है कांग्रेस उसमें अपना हित तलाश कर रही है। ये केंद्र-राज्य संबंधों पर हमला है।

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कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा व उनके अधिकारों के प्रति गंभीर है और ये फैसला उसका सबूत है जबकि बीजेपी नेता यतिन ओझा ने कहा कि कांग्रेस वोटों की लड़ाई में नरेंद्र मोदी से नहीं जीत सकती इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। बीजेपी ने कहा कि ये पूरी तरह से राज्य की कानून व्यवस्था का मामला है और इसलिए केंद्र सरकार का मामले की जांच के लिए आयोग बनाना सीधे-सीधे राज्य के मामलों में दखलंदाजी है।

गौरतलब है कि गुजरात में रह रही एक युवती की मोदी के करीबी और तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर जासूसी करवाई गई थी। इस जासूसी कांड में राज्य के शीर्ष आईपीएस अफसर शामिल थे। खोजी वेबसाइट गुलेल डॉट कॉम ने हाल ही में ऐसे कई ऑडियो टेप जारी किए थे जिसमें अमित शाह अपने मातहत अफसरों को साहेब के कहने पर महिला की जासूसी करने के आदेश दे रहे हैं। वेबसाइट का दावा है कि महिला की जासूसी न सिर्फ गुजरात बल्कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी कराई गई।

खुद बीजेपी ने भी माना है कि लड़की के पिता नरेंद्र मोदी के करीबी हैं और उनके कहने पर ही ये जासूसी करवाई गई। लेकिन उसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि लड़की को आखिर किससे खतरा था? उसकी सुरक्षा में सरकारी अमला यहां तक कि आतंकवाद निरोधी दस्ता तक कैसे लगाया गया? लड़की की सुरक्षा के लिए उसे किसी तरह के सुरक्षाकर्मी न देकर उसके फोन टेप कराना या उसका पीछा कराना कौन सा तरीका है? मामले पर विवाद बढ़ा तो गुजरात सरकार ने इसकी जांच के लिए एक आयोग बना दिया लेकिन अब केंद्र सरकार ने भी मामले की जांच के लिए आयोग बनाने को हरी झंडी दे दी है।