लखनऊ। लोकपाल विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राय पूरी तरह पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ है। गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री का मानना है कि वर्तमान लोकपाल विधेयक से भ्रष्टाचार पर अंकुश लग पाने का सवाल ही नहीं है। इसमें आम जनता को राहत देने का कोई प्रावधान ही नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को पिपराइच की विधायक राजमती निषाद के खुटहन स्थित आवास पर पत्रकारों से औपचारिक बातचीत कर रहे थे। लोकपाल विधेयक पर उन्होंने सवाल उठाया और उदाहरण देते हुए कहा कि पीड़ित जनता को अक्सर थानों पर जाना पड़ता है लेकिन इस लोकपाल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें थानेदार-सिपाही की जिम्मेदारी तय हो सके। आशय यह है कि इसका ऐसा वृहद स्वरूप नहीं है जिससे बुनियादी व्यवस्था में सुधार हो सके, आम जनता को राहत मिल सके। वैसे इस पर नेताजी (राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव) पक्ष रख चुके हैं। उनका मानना है कि इसके लागू होने के बाद विकास अवरुद्ध होगा और अधिकारी फाइलों पर दस्तखत करने से हिचकेंगे। दर्जा प्राप्त मंत्रियों को लाल बत्ती दिए जाने पर हाई कोर्ट की रोक के आदेश पर अखिलेश ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन होगा। वैसे लाल बत्ती देने का उद्देश्य यही रहा है कि इसका धारक जनता की सेवा करता है। उसे लाल बत्ती इसलिए दी जाती है कि आम लोग उसे पहचान सकें।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित रैली और उसी दिन बदायूं में होने वाली सपा की जनसभा का मीडिया अलग-अलग अर्थ लगा रही है लेकिन सही तो यह है कि मोदी की रैली राजनीतिक है और मैं एक उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहा हूं।