नई दिल्ली। भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के साथ अमेरिका में हुई बदसलूकी के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। भारत के कड़े रुख के बाद अमेरिका के रुख में थोड़ी नरमी आई है लेकिन अब भी वो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। हालांकि यह मामला पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडिस, शाहरुख खान की तरह तूल नहीं पकड़ता, लेकिन देवयानी द्वारा अपने आइएफएस साथियों को लिखे भावुक ई-मेल के प्रतिक्रियास्वरूप सरकार हरकत में आई।
देवयानी ने मेल में लिखा है कि अमेरिका में उन्हें हथकड़ी लगाई गई, कपड़े उतारकर तलाशी ली गई, गंभीर अपराधियों के साथ हवालात में रखा गया। उनका कैविटी टेस्ट किया गया और डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया, जो केवल अपराधियों के साथ होता है।
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देवयानी ने मेल में सरकार से अपनी और अपने बच्चे की सुरक्षा के साथ-साथ आइएफएस की मर्यादा की रक्षा की गुहार लगाई है। देवयानी ने बताया कि जब वह पुलिस हिरासत में थी तब वह कई बार रो पड़ी थीं, लेकिन उन्होंने अपनी गरिमा बनाई रखी क्योंकि वह देश का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
देवयानी ने बताया कि जब मैं इस कठिन दौर से गुजर रही थीं तब कई बार रो पड़ी, क्योंकि मेरे साथ ऐसा सलूक किया जा रहा था जैसे मैं कोई बड़ा अपराधी हूं। मुझे हथकड़ी लगाया गया, कपड़े उतारकर तलाशी ली गई, कैविटी टेस्ट किया गया, डीएनए सैंपल लिया गया, अपराधियों व नशेड़ियों के साथ हवालात में रखा गया, ये सब देखकर में काफी हैरान थी और कई बार टूटकर रो पड़ी। और ऐसा तब हो रहा था जब मुझे राजनयिक होने के नाते विशेषाधिकार मिले हुए हैं। लेकिन इस ज्यादती का सामना करने के लिए मुझे इस बात से शक्ति मिली कि मुझे अपने साथियों और देश का प्रतिनिधित्व पूरे आत्मविश्वास और सम्मान के साथ करना है।
गौरतलब है कि देवयानी पर अपनी नौकरानी के वीजा के लिए गलत जानकारी देने का आरोप है। आरोप में कहा गया है कि नौकरानी को तय मानदेय के अनुरूप वेतन नहीं दिए गए थे, जो अमेरिका में अपराध माना जाता है। इसलिए देवयानी को अपने बच्चे को स्कूल के लिए छोड़ने जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, हालांकि बाद में उन्हें ढाई लाख डॉलर की जमानत पर छोड़ दिया गया|