राज्यसभा में लोकपाल बिल पर चर्चा, भाजपा के खुले समर्थन से आसान हुई राह

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arun-jaitleyनई दिल्ली: भाजपा के खुले समर्थन से लोकपाल बिल की राह आसान हुई है। राज्यसभा में लोकपाल बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा के अरुण जेटली ने कहा कि बदले राजनीतिक माहौल में सरकार की सोच-समझी बदली है और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है। जेटली ने कहा कि लोकपाल पर सपा का ऐतराज ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि शुरू में इससे दिक्कत जरूर होगी, लेकिन बाद में सब ठीक हो जाएगा।
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लोकपाल बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू होने के बीच समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। सपा नेता रामगोपाल यादव का कहना था कि लोकपाल बिल देश के हित में नहीं है और बिल के पास होने के बाद अफसर फैसले लेने से डरने लगेंगे। अभी इस बिल पर और विचार किया जाना चाहिए।

इसके बाद कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकसभा में पास हुए बिल और फिर सेलेक्ट कमेटी के आधार पर उसमें किए गए संशोधनों की जानकारी दी। सिब्बल ने कहा कि ये बिल अब पूरी तरह मुकम्मल है और ये देश में भ्रष्टाचार के खिला काफी अहम साबित होगा। भाजपा की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने लोकपाल बिल पर पार्टी का पक्ष रखा।

जेटली ने लोकपाल बिल का स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी की ओर से सुझाए गए लगभग सभी संशोधनों को बिल में शामिल कर लिया गया है। जेटली ने दो मुख्य ऐतराज गिनाए… उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल में आरोपी पर छापे से पहले नोटिस का प्रावधान हटाया जाए और लोकपाल बिल में धार्मिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान हटाया जाए।

बीएसपी की ओर से उसके नेता सतीश मिश्रा ने लोकपाल बिल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से दिए गए संशोधनों को बिल में शामिल कर लिया गया है। इस मौके पर सतीश मिश्रा ने कहा कि लोकपाल की तर्ज पर न्यायपालिका में भी अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षण हो।

सीपीएम की ओर से सीताराम येचुरी ने भी लोकपाल बिल का स्वागत करते हुए कहा कि ये बिल तभी संभव हो पाया है, जब कांग्रेस और भाजपा के बीच आंखों ही आंखों में इशारा हो गया। उन्होंने बिल में कुछ ऐतराज जताए। उन्होंने कहा कि सीबीआई अब लोकपाल के अधीन है, लेकिन इस प्रावधान में और सुधार किए जाने की जरूरत है। येचुरी ने मांग की कि सरकारी पूंजी का इस्तेमाल करने वाली निजी संस्थाओं में भ्रष्टाचार की जांच भी लोकपाल के अधीन आए।

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को मनाने की कोशिश के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ बैठक की। बैठक के बाद मुलायम सिंह यादव अपने सांसदों के साथ बातचीत करने गए। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और सपा नेता रामगोपाल यादव भी मौजूद थे।

सुबह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकपाल बिल को पास कराने की रणनीति पर चर्चा के लिए अपने घर पर एक बैठक बुलाई, जिसमें संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री नारायण सामी को बुलाया गया। बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा है कि आज हर हाल में लोकपाल बिल पास होना चाहिए।

लोकपाल बिल पर राज्यसभा में बहस होनी है, लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के सांसदों के भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

इस बीच, कांग्रेस ने लोकपाल बिल का समर्थन करने के लिए अन्ना हजारे का शुक्रिया अदा किया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि अन्ना ने चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी की तारीफ की थी।

अन्ना हजारे ने राहुल गांधी के नाम भेजी चिट्ठी में कहा, संसद में लोकपाल एवं लोकायुक्त बिल पारित कराने की आपकी प्रतिबद्धता का मैं स्वागत करता हूं। मेरा आग्रह है कि सेलेक्ट कमिटी द्वारा सूचित एवं अनुमोदित बिंदुओं को बिल में शामिल किया जाए। इन बिंदुओं को सेलेक्ट कमेटी में शामिल दलों ने सर्वसम्मति से तय किया है। अन्ना ने आगे लिखा है, यदि इस अलावा भी कोई अधिक कारगर बिंदु इसमें शामिल करके कानून को और भी सक्षम बनाने का संसद प्रयास करेगी, तो वह आम जनता के हित में होगा। देश की जनता सक्षम लोकपाल की प्रतिक्षा में है।

राहुल गांधी ने अन्ना की चिट्ठी के जवाब में लिखा, आपके 15 दिसंबर, 2013 के पत्र के लिए धन्यवाद। आपके पत्र से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला। हम सब देश के लोगों को एक यथासंभव मजबूत और सक्षम लोकपाल व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्य में हम आपकी भूमिका का आदर करते हैं और आपके समर्थन के बहुत आभारी हैं।