केजरीवाल को कांग्रेस का जवाब, ‘आप’ की सभी 18 मांगें मंजूर

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SONIA RAHULनई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने का मसला दिलचस्प हो उठा है। कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के सभी 18 मुद्दों के समर्थन की घोषणा कर दी, वहीं उपराज्यपाल नजीब जंग ने केंद्र सरकार को दिल्ली में विधानसभा निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव भेज दिया। मौजूदा हालात में अब केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की ओर सबकी निगाहें टिकी हैं। आप ने कहा है कि वो मंगलवार को पीएसी की मीटिंग में सरकार बनाने को लेकर फैसला करेगी।

दिल्ली में सरकार बनाने के मसले को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल के नहले पर दहला मार दिया। कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के 18 मुद्दों पर समर्थन देने की घोषणा कर दी। यही नहीं उसने इस बाबत आम आदमी पार्टी को सोमवार की शाम आधिकारिक तौर पर चिट्ठी भी भेज दी। कांग्रेस ने इन सभी मुद्दों पर सहमति जताकर गेंद अरविंद केजरीवाल के पाले में डाल दी है।

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आम आदमी पार्टी को भेजी गई चिट्ठी में कांग्रेस ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जिन 18 मुद्दों पर समर्थन की बात कही थी उसमें से 16 मुद्दे ऐसे हैं जिनपर सहमति की कोई जरूरत ही नहीं है। ये सारे मुद्दे प्रशासनिक काम से जुड़े हैं जिन पर आम आदमी पार्टी सरकार बनाने के बाद खुद ही फैसले कर सकती है। इन 16 मुद्दों पर कांग्रेस की सहमति है। रही बात बचे हुए दो मुद्दों की, तो उन पर भी कांग्रेस साथ है। ये दो मुद्दे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और दिल्ली में लोकायुक्त को मजबूत करने के हैं। सरकार बनाने के बाद केंद्र सरकार के सामने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग रखी जाएगी तो कांग्रेस समर्थन करेगी। इसी तरह दिल्ली में लोकायुक्त को मजबूत करने के मुद्दे पर कांग्रेस का कहना है कि लोकपाल बिल के इस हफ्ते संसद से पास होने की संभावना है। लोकपाल पास होने के बाद भी आम आदमी पार्टी अगर संविधान के दायरे में कोई तब्दीली करना चाहेगी तो कांग्रेस उसका साथ देगी।

कांग्रेस की चिट्ठी मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने मंगलवार की सुबह राजनैतिक सलाहकार समिति यानी पीएसी की मीटिंग बुलाई है। पार्टी का कहना है कि पीएससी की मीटिंग में ये फैसला होगा कि पार्टी सरकार बनाएगी या नहीं। पीएसी की मीटिंग में होने वाले फैसले के बाद आम आदमी पार्टी सभी 70 विधानसभाओं में चार-चार सभाएं कर जनता से पूछेगी कि वो क्या चाहती है।

इस बीच बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने साफ कहा है कि वो अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी का कोई जवाब देने नहीं जा रही। यही नहीं पार्टी ने आरोप लगाया कि अपने घोषणा पत्र में आम आदमी पार्टी ने ना पूरा हो सकने वाले वायदे किए हैं। यही वजह है कि वो लोकसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली में सरकार बनाने से कतरा रही है।

इस बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने केंद्र सरकार से दिल्ली में विधानसभा निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात की है। कुल मिलाकर मौजूदा राजनैतिक हालात दिल्ली को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन लगा तो दिल्ली को उपराज्यपाल नजीब जंग चलाएंगे। इस दौरान अगर आम आदमी पार्टी सरकार बनाने को तैयार हुई तो राष्ट्रपति शासन खत्म हो जाएगा।