फर्रुखाबाद: बात आम आदमी पार्टी की जिसका जन्म अभी कुछ महीने पहले हुआ है| दिल्ली में उसे सरकार बनाने न बनाने में माथापच्ची करनी पड़ रही है| जिस पार्टी को कोई आम तो कोई अमरुद पार्टी कह देता है| जिसे लोग चुनाव से पहले हलके में ले रहे थे अब उस पार्टी के बारे में सवाल दिल्ली में नहीं दिल्ली से दूरदराज के गाँव में भी पूछा जाने लगा है| केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को फर्रुखाबाद में अरविन्द केजरीवाल की सर्कार बन रही है या नहीं ऐसे सवालों का जबाब देना पड़ रहा है| यानि दूर दराज के ग्रामीण इलाको में भी अरविन्द केजरीवाल को लोग जानते है और उनके बारे में खबर पढ़ने की लालसा रखते है| मीडिया में सवाल था कि जिस ‘आप’ पार्टी को आप लोग कुछ समझते नहीं थे उसे बिना शर्त समर्थन दे रहे हो, आखिर क्यों? सलमान खुर्शीद ने राजनैतिक चतुराई के साथ साफ़ कहा कि कांग्रेस अरविन्द केजरीवाल को समर्थन नहीं कर रही है वो तो दिल्ली की जनता के लिए व्यवस्था चाहते है इसलिए समर्थन कर रहे है| ताकि जनता पर एक और चुनाव का बोझ न पड़े| इसे कहते है- गुढ़ से दोस्ती, गुलगुले से परहेज|
राज्यसभा में प्रस्तुत किये गये लोकपाल बिल पर समाजवादी पार्टी की आपत्तियों पर उन्होंने कहा कि काग्रेस सरकार को सपा का समर्थन मुद्दों परआधारित है। सपा को अपनी बात रखने का पूरा हक है। राज्य सभा के चुनाव में काग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को समर्थन भी सपा ने मुद्दों पर आधारित दिया है। लोकसभा चुनाव में ऐसा हो पायेगा या नहीं ऐसा नहीं कहा जा सकता। सलमान ने कहा कि समलैंगिक संबंध के बारे में अध्यादेश के बारे में सभी दलों से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जायेगा।
जिम्मेदारी से भाग रहे केजरीवाल: कांग्रेस
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने के मुद्दे पर संशय बरकरार है। अरविंद केजरीवाल की शर्तो पर कांग्रेस ने शनिवार को जवाब देते हुए कहा कि आप जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि जब हम बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए और जनता से किए वादे को पूरा करना चाहिए। कांग्रेस के हारूण युसूफ ने कहा कि हम किसी जांच से पीछे नहीं हट रहे बल्कि केजरीवाल ही अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा आप को बिना शर्त समर्थन देने के बाद शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस और भाजपा अध्यक्ष को पत्र लिखकर 18 शर्ते रखी। उन्होंने कहा कि इन शर्तो पर सहमति के बाद ही हम सरकार बनाएंगे।