गेंद अब आप के पाले में- कांग्रेस ने आप के समर्थन की चिट्ठी उपराज्यपाल को सौपी

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sheila_dixit_arvind_kejriwal_291113नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार गठन को लेकर मची उहापोह की स्थिति के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार शाम आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थन की चिट्ठी उप राज्यपाल नजीब जंग को सौंपकर सत्ता के खेल का रोमांच और बढ़ा दिया। कांग्रेस के इस कदम से आप पर सरकार बनाने का दबाव बढ़ गया है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे उप राज्यपाल से मिलने वाले हैं। राजनिवास ने उन्हें सरकार गठन के सिलसिले में वार्ता के लिए बुलाया है।

दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली आप सूबे में नई सरकार के गठन से भले इन्कार कर विपक्ष में बैठने व नए चुनाव की तैयारियों की बात कर रही हो लेकिन उस पर सरकार बनाने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। नई सरकार के गठन को लेकर भाजपा के स्पष्ट इन्कार के बाद अब सबकी निगाहें अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली नवोदित पार्टी पर टिकी हुई हैं। आठ सीटों पर सिमट चुकी कांग्रेस ने आप को समर्थन देने के संकेतों के बाद शुक्रवार को शाम इस आशय का औपचारिक पत्र उप राज्यपाल को सौंप दिया।
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आप के पास 28 विधायक हैं। कांग्रेस के आठ विधायकों के समर्थन से उसकी अगुवाई में बनने वाली सरकार बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर लेगी। उधर भाजपा भी कह रही है कि आप को सरकार का गठन करना चाहिए। भाजपा विपक्ष में बैठेगी और दिल्ली की बेहतरी के लिए नई सरकार से रचनात्मक सहयोग करेगी।

आप के सामने अच्छा मौका

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने शुक्रवार को कहा कि आप के सरकार बनाने पर भाजपा विपक्ष में बैठकर उसे रचनात्मक सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि आप के नेताओं ने जनता से वादा किया था कि सत्ता मिलने पर वह बिजली की कीमतों में 50 फीसद की कमी कर देगी और लोगों को 700 लीटर तक मुफ्त पेयजल उपलब्ध कराएगी। ऐसे में यदि आप के नेता इन वादों को पूरा करने को लेकर सचमुच गंभीर हैं तो उनके सामने मौका है। उन्होंने कहा कि यदि आप के नेता अब भी सरकार नहीं बनाते तो यह समझा जाएगा कि वे जनता से किए गए वादों को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं हैं।

इससे पहले शुक्रवार को हुई पार्टी बैठक से पहले आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि पार्टी सभी विकल्पों पर विचार करेगी। लेकिन उन्होंने एक बार फिर से साफ कर दिया कि वह भाजपा या कांग्रेस से न तो समर्थन लेगी न ही उन्हें समर्थन देगी।

उनके इस बयान के बाद एक बार फिर से दिल्ली सरकार के गठन को लेकर स्थिति उलझती दिखाई दे रही है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि यदि अन्य पार्टियों से साफ सुथरी छवि के नेता उनसे मिलना चाहते हैं, तो वह उनका स्वागत करेंगे।

गुरुवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मिले भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने उन्हें पार्टी के सरकार न बनाने के निर्णय से अवगत करा दिया। उन्होंने कहा, भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों का आवश्यक संख्या बल नहीं है, इसलिए वह सरकार नहीं बना सकते। सरकार बनाने के लिए उन्होंने किसी प्रकार की जोड़तोड़ करने से साफ इन्कार कर दिया। उनका पक्ष जानने के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग ने 28 विधायकों वाली पार्टी आप के नेता अरविंद केजरीवाल को वार्ता के लिए बुलाया है। यह मुलाकात शनिवार को पूर्वाह्न साढ़े दस बजे होगी।

बृहस्पतिवार शाम उपराज्यपाल से मिलकर लौटे डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, भाजपा राजनीति सत्ता के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए करती है। उन्होंने सरकार न बना पाने की असमर्थता व्यक्त करते हुए दिल्ली की जनता से क्षमा याचना की है। उधर, भाजपा के इन्कार करने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कहा है कि अब दिल्ली में दोबारा चुनाव होना तय है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निर्देश पर उपराज्यपाल ने बुधवार रात डॉ. हर्षवर्धन को सरकार बनाने के सिलसिले में वार्ता के लिए बुलाया था। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के गठन के समारोह से लौटकर बृहस्पतिवार शाम भाजपा नेता ने उप राज्यपाल से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 45 मिनट चली। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि किसी अन्य दल के पास बहुमत है तो वह सरकार बनाए, भाजपा विपक्ष में बैठने को तैयार है। लेकिन ऐसा नहीं होता है और फिर से दिल्ली में चुनाव होते हैं तो इस स्थिति के लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में फिर से प्रयास करेगी और बहुमत मिलने के बाद ही सत्ता पर काबिज होगी। सत्ता हथियाने के लिए भाजपा किसी तरह की जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं करेगी। हर्षवर्धन ने एक पत्र भी उपराज्यपाल को सौंपा, जिसमें सरकार बनाने में असमर्थता जताई गई है।