FARRUKHABAD : बोधिसत्व बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर के 57वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जन जाति कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन फतेहगढ़ प्रतिमा स्थल पर किया गया। माल्यार्पण, बुद्ध वंदना के साथ ही दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी।
दलितों, पिछड़ों, गरीबों के मसीह समाज शास्त्र, मानव शास्त्र, राजनीति शास्त्र व अर्थशास्त्र के प्रकाण्ड विद्धान मानववादी सोच रखने वाले सामाजिक चिंतन रखने वाले डा0 अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा में संघ के प्रांतीय महामंत्री नानक चन्द्र ने कहा कि हमें बिना किसी की आलोचना न करके वैज्ञानिक बात पर विश्वास करना चाहिए बाबा साहब के विचारों को अपने में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। जातिवाद से व कर्मचारी अधिकारी के भेदभाव से दूर रहकर समाजवाद के रूप में संगठित होकर, बाबा साहब के विचारों का चिंतन करें तथा बाबा साहब के महान ग्रन्थ भारतीय संविधान का पूर्णतया पालन करवाना ही सच्ची श्रद्धांजली होगी। उन्होंने आडम्बर वाद को त्यागने पर बल दिया ।नानक चन्द्र ने डा0अम्बेडकर के जन्म दिन 14 अप्रैल को भी 2 अक्टूबर, 26 जनवरी व 15 अगस्त की तरह राष्ट्रीय त्यौहार के तरह मनाये जाने की मांग की ।
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विनोद कुमार ने डा0 अम्बेडकर के साहित्य, को पढने पर जोर देकर संगठित रहकर समाज को भ्रमित होने से बचाने के लिए दलित कर्मचारी आगे आकर डा0 अम्बेडकर का सपना पूरा करने की बात कही।
सर्वेश कुमार ने कहा कि डा0 अम्बेडकर के तीन मूल मंत्र शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो के समाज शिक्षित होकर अपने परिवार को बढ़ाने में लगकर डा0 अम्बेडकर के अन्यत्रों को भूल गया है, जिसे जाग्रत करने की आवश्यकता है।
रामतीर्थ , डा0 बादशाह, इंजीनियर अरविंद कुमार, इंजीनियर रूपकिशोर, आर डी बौद्ध, प्रभूदयाल एडवोकेट, महेशचन्द्र, जवाहरलाल, राहुल कुमार, छदामीलाल, सुभाषचन्द्र बुद्धिष्ट, विजय कनौजिया, मनोज कुमार, अभिलाष चन्द्र आदि मौजूद रहे।