सचिव की मौजूदगी में भी फरियादियों को नहीं मिल सका तहसील दिवस में न्याय

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FARRUKHABAD : जिसकी समीक्षा करने का हक लखनऊ से सरकारी साजो सामान के साथ फर्रुखाबाद तशरीफ लाये, उन्हीं के शासन की धज्जियां उड़ीं तो लोग देखते रह गये। वैसे तो यह आम बात है, तहसील दिवस में अब लोगों को न्याय से ज्यादा सिर्फ भरोसा ही मिलता है। लेकिन जब मौके पर शासन का ही सचिव मौजूद हो और फरियादियों को न्याय न मिल पाये तो काहे का जनता दरबार?sachiv sanjeev kumar dm pawan kumar tahseeldar rajendra chaudhary

शासन से आये पीडब्लूडी के सचिव संजीव कुमार का जनपद में निरीक्षण कार्यक्रम था और उनके आने का कार्यक्रम तय होने के बाद मंगलवार को तहसील दिवस भी पड़ गया सो फरियादियों ने सोचा कि शायद अब उन्हें तहसील दिवस गुणवत्ता का फायदा बहुत ही अच्छे ढंग से मिलेगा। सचिव के तहसील दिवस में पहुंचने की सूचना पर पहले से ही जिलाधिकारी पवन कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक रामभवन चौरसिया, एसडीएम सदर राकेश पटेल, नगर मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ, मुख्य चिकित्साधिकारी राकेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी सुभाषचन्द्र अपनी अपनी कुर्सियों पर जमे थे। जब आला अधिकारी की उपस्थिति शतप्रतिशत थी तो पदेन कर्मचारियों की क्या मझाल कि वह अपनी कुर्सी पर नजर न आयें। सो विभिन्न विभागों के अधिकारी भी अपनी अपनी कुर्सियों पर मुस्तैद रहे।

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तहसील दिवस में दर्ज की गयी शिकायतों के अनुसार कुल 157 शिकायतें आयीं। जिनमें से मात्र 7 लोगों को ही न्याय मिल सका। बाकी अपनी भावनाओं के साथ समझौता करके वापस लौट गये। लौटते क्यों नहीं, सचिव महोदय ने बमुस्किल 10 मिनट का समय तहसील में दिया और पूर्व निहित कार्यक्रम के अनुसार डूडा द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण पूरा कर चुकी महिलाओं को किटें व सिलाई मशीनें दीं और वापस चले गये। ऐसे में उन्होंने क्या देखा, क्या निरीक्षण किया, क्या शिकायतें सुनीं, क्या निर्देश दिये, क्या निर्देशों का पालन हुआ यह कोई नहीं समझ पाया। ऐसे ही न जाने कितने ही लोग क्या, क्यों और कैसे कह सुन कर अपने घर वापस लौट गये।uma

सचिव के आने से पूर्व कुइयाबूंट निवासी विधवा उमा देवी पत्नी रामसिंह अपने मासूम बेटे को गोद में लिये साहब के दरबार में हाजिर हुई। उसके पति की मौत एक दुर्घटना में हो गयी थी। वर्तमान में वह एक किराये के मकान में रहती है, ऐसा उसका कहना था। जिलाधिकारी के सामने पेश होकर उसने गुहार लगायी कि उसे न ही पारिवारिक पेंशन का लाभ मिला और न ही विधवा पेंशन का। जिलाधिकारी ने तत्काल सम्बंधित अधिकारियों को पीड़िता की फरियाद सुन कार्यवाही करने के निर्देश दिये ।तो वहीं रत्नेश कुमार पुत्र रामदीन गुप्ता ने अवैध निर्माण, गंगा नगर कालोनी के निवासी रामतीर्थ, श्याम कुमार, मोनू मिश्रा ने कोटेदार आशा सिंह भदौरिया के द्वारा राशन न बांटने व अभद्र व्यवहार करने की शिकायत की। जिसको जिलाधिकारी ने जांच कर निबटाने के निर्देश दिये।