KAMALGANJ (FARRUKHABAD) : बीते दो दिनों से एक किशोरी को पुलिसकर्मी द्वारा लाकर उसके सहयोगी द्वारा बेचने का प्रयास किया जा रहा है। इस सम्बंध में बीते दिन से ही मीडिया में खबरें उछल रही है। लेकिन फतेहगढ़ पुलिस के अलावा कमालगंज थाना पुलिस भी कान व आंखें बंद किये हुए लड़की पर ज्यादती होते देख रही है। बीते 28 दिसम्बर से फतेहपुर की निवासी एक किशोरी के साथ जनपद में क्या क्या ज्यादती हो रही है, जिसकी सूचना थाना पुलिस को होने के बावजूद भी आरोपी रामतीर्थ व एक सिपाही की न तो तलाश की गयी और न ही उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गयी।
विदित हो कि फतेहपुर के शैली राउसपुर निवासी मोनी पुत्री हंसराज बीते 27 नवम्बर को अपनी सहेली मनीशा के साथ गांव से बाजार करने के लिए गयी थी। सहेली मनीशा के पास उसके दोस्त का फोन आया। सहेली ने कहा कि कानपुर चलते हैं उसके बाद लौट कर आ जायेंगे।
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मोनी कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर पांच पर पहुंची तो सहेली यह कहकर चली गयी कि अभी आ रहे यहीं बैठो। मोनी वहीं बैठी रही लेकिन सहेली नहीं आयी। अकेली किशोरी को देख एक खाकी वर्दी पहने हुए सिपाही आया और उसने कहा कि कहां रहती हो, कहां जाओगी।
पूरा माजरा जानने के बाद सिपाही कालिंदी ट्रेन से उसको लेकर फतेहगढ़ आ गया। सिपाही ने कहा कि पास में स्टेशन के आगे उसका घर है वहां से सुबह घर चली जाना। फतेहगढ़ स्टेशन के निकट नाले के पास किन्नर के साथ विवाह रचाकर रह रहे शेखपुर निवासी रामतीर्थ के कमरे पर सिपाही इस किशोरी को लेकर पहुंचा। लड़की से सिपाही ने कहा कि अगर कोई पूछे तो बता देना कि हमारे जीजा हैं। पीड़ित किशोरी के अनुसार सिपाही का नाम कमरा मालिक रामतीर्थ राकेश ले रहा था।
जिसके बाद सिपाही, किन्नर, रामतीर्थ व लड़की सभी एक साथ एक ही कमरे में चारो लोग सो गये। सिपाही भी लड़की के पास सो गया। सुबह सिपाही कमरे से चला गया। रामतीर्थ की पत्नी बनकर रह रहे किन्नर ने बताया कि इससे पहले भी सिपाही एक दूसरी लड़की को लेकर आया था। फिर यहां पर लेकर आ गया।
जिसके बाद 28 नवम्बर को रामतीर्थ लड़की को लेकर अपने गांव शेखपुर जा पहुंचा। जिसे बेचने के लिए गांव में प्रयास करने लगा। गांव वालों में भनक लगी कि रामतीर्थ एक लड़की को बेच रहे हैं। गांव के ही निवासी रामऔतार एडवोकेट ने जानकारी की तो पता चला कि लड़की जाटव विरादरी से ताल्लुक रखती है। जिस पर रामऔतार विरादरी के नाते उसे अपने घर ले आये। जहां लड़की ने सारी बात उन्हें बतायी। जिसके बाद पीड़ित मोनी के परिजनों को फोन पर सूचना दी गयी।
मंगलवार को लड़की की बहन उर्मिला व चचेरा भाई मुकेश रात को शेखपुर गांव पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में रामऔतार एडवोकेट के यहां से मोनी को लेकर चले गये। पुलिस ने पूरी घटना पर पर्दा डालते हुए कोई सूचना तक दर्ज नहीं की। दिल्ली की दामिनी का मुद्दा तो पूरे देश में उठा लेकिन ऐसी ही फतेहपुर की मोनी की हकीकत तक जानने वाला इस जनपद में न ही कोई पुलिस अधिकारी दिखायी दिया और न ही प्रशासनिक अधिकारी।